Jaan Nisar Akhtar | जाँ निसार अख़्तर

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Jaan Nisar Akhtar ka jeevan parichay
जाँ निसार अख़्तर का जीवन परिचय

जाँ निसार अख़्तर (18 फ़रवरी 1914–19 अगस्त 1976) महत्वपूर्ण उर्दू शायर, गीतकार और कवि थे। उनका जन्म ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में हुआ। उनका ताल्लुक शायरों के परिवार से था। उनके परदादा 'फ़ज़्ले हक़ खैराबादी' ने मिर्ज़ा गालिब के कहने पर उनके दीवान का संपादन किया था।जाँ निसार अख्तर साहब ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से सन 1935-36 में उर्दू में गोल्ड मेडल लेकर एम. ए. किया था। 1947 केेेेेे देश विभाजन के पहले एक ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में उर्दू के प्रोफेसर रहे और फिर सन 1956 तक भोपाल केे हमीदिया कॉलेज में उर्दू विभाग के अध्यक्षष पद पर रहे। 
सन 1976 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजेेेेे गए जाँ निसार अख्तर साहब के लिखे फिल्म अनारकली, नूरी, प्रेम पर्वत, रजिया सुल्तान, बाप रे बाप आदि फिल्म के गीतों ने धूम मचा दी थी।
उनके पिता 'मुज़्तर खैराबादी’ भी एक प्रसिद्ध शायर थे। 1943 में उनकी शादी प्रसिद्ध शायर 'मज़ाज लखनवी' की बहन 'सफ़िया सिराज़ुल हक़' से हुई। 1945 व 1946 में उनके बेटों जावेद (मशहूर शायर जावेद अख़्तर) और सलमान का जन्म हुआ। उनके सुपुत्र जावेद अख्तर ने भी शायरी की दुनिया में बहुत नाम कमाया और भारत का नाम रोशन किया ।
सं 1955 में आई फिल्म ’यासमीन’ से जाँनिसार अख़्तर के फिल्मी करियर ने गति पकड़ी । 1935 से 1970 के दरमियान लिखी गई उनकी शायरी के संकलन “ख़ाक़-ए-दिल” के लिए उन्हें 1976 का साहित्य अकादमी पुरुस्कार प्राप्त हुआ। 

जाँ निसार अख़्तर की रचनाएँ हैं: 

  • ख़ाक़-ए-दिल, 
  • तनहा सफ़र की रात, 
  • जाँ निसार अख़्तर-एक जवान मौत, 
  • नज़रे-बुतां, सलासिल, जाविदां, 
  • पिछले पहर, 
  • घर आंगन।
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जाँ निसार अख़्तर की चुनिंदा कविताएं | Jaan Nisar Akhtar Selected Poetry

तन्हा सफ़र की रात - जाँ निसार अख़्तर

जाँ निसार अख़्तर-एक जवान मौत - जाँ निसार अख़्तर

नज़्में - जाँ निसार अख़्तर

रुबाइयाँ/क़ितयात - जाँ निसार अख़्तर

प्रमुख रचनाएँ - जाँ निसार अख़्तर

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Jaan Nisar Akhtar Tanha Safar Ki Raat - Gazal

दिल को हर लम्हा बचाते रहे जज़्बात से हम - Jaan Nisar Akhtar

जिस्म की हर बात है आवारगी ये मत कहो - Jaan Nisar Akhtar

एक है ज़मीन तो सम्त क्या हदूद क्या - Jaan Nisar Akhtar

तुम्हारे हुस्न को हुस्न-ए-फ़रोज़ाँ हम नहीं कहते - Jaan Nisar Akhtar

आए क्या क्या याद नज़र जब पड़ती इन दालानों पर - Jaan Nisar Akhtar

तू इस क़दर मुझे अपने क़रीब लगता है - Jaan Nisar Akhtar

तुम पे क्या बीत गई कुछ तो बताओ यारो - Jaan Nisar Akhtar

वो हम से आज भी दामन-कशाँ चले है मियाँ - Jaan Nisar Akhtar

माना कि रंग रंग तिरा पैरहन भी है - Jaan Nisar Akhtar

लाख आवारा सही शहरों के फ़ुटपाथों पे हम - Jaan Nisar Akhtar

आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो - Jaan Nisar Akhtar

तमाम उम्र अज़ाबों का सिलसिला तो रहा - Jaan Nisar Akhtar

मुझे मालूम है मैं सारी दुनिया की अमानत हूँ - Jaan Nisar Akhtar

ज़िंदगी तुझ को भुलाया है बहुत दिन हम ने - Jaan Nisar Akhtar

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी - Jaan Nisar Akhtar

हम से भागा न करो दूर ग़ज़ालों की तरह - Jaan Nisar Akhtar

तुलू-ए-सुब्ह है नज़रें उठा के देख ज़रा - Jaan Nisar Akhtar

अच्छा है उन से कोई तक़ाज़ा किया न जाए - Jaan Nisar Akhtar

आँखें चुरा के हम से बहार आए ये नहीं - Jaan Nisar Akhtar

मौज-ए-गुल मौज-ए-सबा मौज-ए-सहर लगती है - Jaan Nisar Akhtar

ख़ाक-ए-दिल - Jaan Nisar Akhtar

तजज़िया - Jaan Nisar Akhtar

ज़िन्दगी तनहा सफ़र की रात है - Jaan Nisar Akhtar

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Jaan Nisar Akhtar - Ek Jawan Maut - Gazal

जल गया अपना नशेमन तो कोई बात नहीं - Jaan Nisar Akhtar

हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे - Jaan Nisar Akhtar

आज मुद्दत में वो याद आये हैं - Jaan Nisar Akhtar

आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो - Jaan Nisar Akhtar

वो लोग ही हर दौर में महबूब रहे हैं - Jaan Nisar Akhtar

मौजे गुल, मौजे सबा, मौजे सहर लगती हैं - Jaan Nisar Akhtar

हम से भागा न करो दूर गज़ालों की तरह - Jaan Nisar Akhtar

एक तो नैनां कजरारे और तिस पर डूबे काजल में - Jaan Nisar Akhtar

ज़रा सी बात पे हर रस्म तोड़ आया था - Jaan Nisar Akhtar

जब लगे ज़ख़्म तो क़ातिल को दुआ दी जाये - Jaan Nisar Akhtar

हमने काटी हैं तिरी याद में रातें अक़्सर - Jaan Nisar Akhtar

फुर्सत-ए-कार फ़क़त चार घड़ी है यारो - Jaan Nisar Akhtar

अश्आर मिरे यूँ तो ज़माने के लिए हैं - Jaan Nisar Akhtar

रही है दाद तलब उनकी शोख़ियाँ हमसे - Jaan Nisar Akhtar

ज़िन्दगी ये तो नहीं, तुझको सँवारा ही न हो - Jaan Nisar Akhtar

ज़माना आज नहीं डगमगा के चलने का - Jaan Nisar Akhtar

चौंक चौंक उठती है महलों की फ़ज़ा रात गए - Jaan Nisar Akhtar

आए क्या क्या याद नज़र जब पड़ती इन दालानों पर - Jaan Nisar Akhtar

ज़ुल्फ़ें सीना नाफ़ कमर - Jaan Nisar Akhtar

इसी सबब से हैं शायद, अज़ाब जितने हैं - Jaan Nisar Akhtar

उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है - Jaan Nisar Akhtar

तू इस क़दर मुझे अपने क़रीब लगता है - Jaan Nisar Akhtar

हर एक शख़्स परेशान-ओ-दर-बदर सा लगे - Jaan Nisar Akhtar

रुखों के चांद, लबों के गुलाब मांगे है - Jaan Nisar Akhtar

बहुत दिल कर के होंटों की शगुफ़्ता ताज़गी दी है - Jaan Nisar Akhtar

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Jaan Nisar Akhtar - Nazmein

ख़ामोश आवाज़ - Jaan Nisar Akhtar

महकती हुई रात - Jaan Nisar Akhtar

तजज़िया - Jaan Nisar Akhtar

ख़ाक-ए-दिल - Jaan Nisar Akhtar

आख़िरी मुलाक़ात - Jaan Nisar Akhtar

आख़िरी लम्हा - Jaan Nisar Akhtar

एहसास - Jaan Nisar Akhtar

बगूला - Jaan Nisar Akhtar

गर्ल्स कॉलेज की लारी - Jaan Nisar Akhtar

हसीं आग - Jaan Nisar Akhtar

हव्वा की बेटी - Jaan Nisar Akhtar

लौह-ए-मज़ार - Jaan Nisar Akhtar

मौहूम अफ़्साने - Jaan Nisar Akhtar

मज़दूर औरतें - Jaan Nisar Akhtar

रौशनियाँ - Jaan Nisar Akhtar

ज़िंदगी - Jaan Nisar Akhtar

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Jaan Nisar Akhtar ki Rubaiyan/Kityat

आहट मेरे कदमों की जो सुन पाई है - Jaan Nisar Akhtar

आँचल ही नहीं जिस्म भी लहराया है - Jaan Nisar Akhtar

इक बार गले से उनके लगकर रो ले - Jaan Nisar Akhtar

इक रूप नया आप में पाती हूँ सखी - Jaan Nisar Akhtar

कपड़ों को समेटे हुए उट्ठी है मगर - Jaan Nisar Akhtar

कहती है इतना न करो तुम इसरार - Jaan Nisar Akhtar

गाती हुई हाथों में ये सिंगर की मशीन - Jaan Nisar Akhtar

चाल और भी दिल-नशीन हो जाती है - Jaan Nisar Akhtar

जज़्बों की गिरह खोल रही हो जैसे - Jaan Nisar Akhtar

जीवन की ये छाई हुई अंधयारी रात - Jaan Nisar Akhtar

डाली की तरह चाल लचक उठती है - Jaan Nisar Akhtar

तू देश के महके हुए आँचल में पली - Jaan Nisar Akhtar

तेरे लिये बेताब हैं अरमाँ कैसे - Jaan Nisar Akhtar

दुनिया की उन्हें लाज न ग़ैरत है सखी - Jaan Nisar Akhtar

नज़रों से मेरी खुद को बचाले कैसे- Jaan Nisar Akhtar

पानी कभी दे रही है फुलवारी में - Jaan Nisar Akhtar

मन था भी तो लगता था पराया है सखी - Jaan Nisar Akhtar

रहता है अजब हाल मेरा उनके साथ - Jaan Nisar Akhtar

वो आयेंगे चादर तो बिछा दूँ कोरी - Jaan Nisar Akhtar

वो ज़िद पे उतर आते हैं अक्सर औक़ात - Jaan Nisar Akhtar

वो दूर सफ़र पे जब भी जाएँगे सखी - Jaan Nisar Akhtar

शाम और भी दिलनशीन हो जाती है - Jaan Nisar Akhtar

सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल - Jaan Nisar Akhtar

हर एक घड़ी शाक़ गुज़रती होगी - Jaan Nisar Akhtar

हर रस्मो-रिवायत को कुचल सकती हूँ - Jaan Nisar Akhtar

हर सुबह को गुंचे में बदल जाती है - Jaan Nisar Akhtar

अच्छी है कभी-कभी की दूरी भी सखी - Jaan Nisar Akhtar

अपने आईना-ए-तमन्ना में - Jaan Nisar Akhtar

अब तक वही बचने की सिमटने की अदा - Jaan Nisar Akhtar

अब्र में छुप गया है आधा चाँद - Jaan Nisar Akhtar

अंगड़ाई ये किस ने ली अदा से - Jaan Nisar Akhtar

आ कि इन बद-गुमानियों की क़सम - Jaan Nisar Akhtar

आज मुद्दत के ब'अद होंटों पर - Jaan Nisar Akhtar

आती है झिझक सी उनके आगे जाते - Jaan Nisar Akhtar

आँगन में खिले गुलाब पर जा बैठी - Jaan Nisar Akhtar

इक ज़रा रसमसा के सोते में - Jaan Nisar Akhtar

इक नई नज़्म कह रहा हूँ मैं - Jaan Nisar Akhtar

इक पल को निगाहों से तो ओझल हो जाऊँ - Jaan Nisar Akhtar

इस हसीं जाम में हैं ग़ल्तीदा - Jaan Nisar Akhtar

उफ़ ये उम्मीद-ओ-बीम का आलम - Jaan Nisar Akhtar

एक कमसिन हसीन लड़की का - Jaan Nisar Akhtar

कर चुकी है मिरी मोहब्बत क्या - Jaan Nisar Akhtar

जिनहें मैं ढूंढता था आसमानों में ज़मीनों में - Jaan Nisar Akhtar

क्यों हाथ जला, लाख छुपाए गोरी - Jaan Nisar Akhtar

कितनी मासूम हैं तिरी आँखें - Jaan Nisar Akhtar

किस को मालूम था कि अहद-ए-वफ़ा - Jaan Nisar Akhtar

ख़ुद हिल के वो क्या मजाल पानी पी लें - Jaan Nisar Akhtar

चंद लम्हों को तेरे आने से - Jaan Nisar Akhtar

चुप रह के हर इक घर की परेशानी को - Jaan Nisar Akhtar

जब जाते हो कुछ भूल के आ जाते हो - Jaan Nisar Akhtar

जब तुम नहीं होते तो जवानी मेरी - Jaan Nisar Akhtar

तितली कोई बे-तरह भटक कर - Jaan Nisar Akhtar

तेरे माथे पे ये नुमूद-ए-शफ़क़ - Jaan Nisar Akhtar

दरवाज़े की खोलने उठी है ज़ंजीर - Jaan Nisar Akhtar

दूर वादी में ये नदी 'अख़्तर - Jaan Nisar Akhtar

देखेंगे और जी में कुढ़ के रह जाएँगे - Jaan Nisar Akhtar

दोस्त! क्या हुस्न के मुक़ाबिल में - Jaan Nisar Akhtar

दोस्त! तुझ से अगर ख़फ़ा हूँ तो क्या - Jaan Nisar Akhtar

ना-मुरादी के ब'अद बे-तलबी - Jaan Nisar Akhtar

नाराज़ अगर हो तो बिगड़ लो मुझ पर - Jaan Nisar Akhtar

बाहर वो जहाँ भी काम करते होंगे - Jaan Nisar Akhtar

मैं ने माना तिरी मोहब्बत में - Jaan Nisar Akhtar

मैं वो ही करूँ जो वो कहें वो चाहें - Jaan Nisar Akhtar

याद-ए-माज़ी में यूँ ख़याल तिरा - Jaan Nisar Akhtar

यूँ उस के हसीन आरिज़ों पर - Jaan Nisar Akhtar

यूँ दिल की फ़ज़ा में खेलते हैं - Jaan Nisar Akhtar

यूँ नदी में ग़ुरूब के हंगाम - Jaan Nisar Akhtar

यूँ ही बदला हुआ सा इक अंदाज़ - Jaan Nisar Akhtar

ये किसका ढलक गया है आंचल - Jaan Nisar Akhtar

ये मुजस्‍सम सिमटती मेरी रूह - Jaan Nisar Akhtar

रात जब भीग के लहराती है - Jaan Nisar Akhtar

वो बढ़के जो बाँहों में उठा लेते हैं - Jaan Nisar Akhtar

वो शाम को घर लौट के आएँगे तो फिर - Jaan Nisar Akhtar

सर्फ़-ए-तस्कीं है दस्त-ए-नाज़ तिरा - Jaan Nisar Akhtar

हाए ये तेरे हिज्र का आलम - Jaan Nisar Akhtar

हुस्न का इत्र जिस्म का संदल - Jaan Nisar Akhtar

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Jaan Nisar Akhtar ki Gazal

कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है - Jaan Nisar Akhtar

दीदा ओ दिल में कोई हुस्न बिखरता ही रहा - Jaan Nisar Akhtar

मुद्दत हुई उस जान-ए-हया ने हम से ये इक़रार किया - Jaan Nisar Akhtar

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Jaan Nisar Akhtar ki Geet

मैं उनके गीत गाता हूं - Jaan Nisar Akhtar

आवाज़ दो हम एक हैं - Jaan Nisar Akhtar

पूछ न मुझसे दिल के फ़साने - Jaan Nisar Akhtar

ग़म नहीं कर मुस्कुरा - Jaan Nisar Akhtar

बेमुरव्वत बेवफ़ा बेगाना-ए-दिल आप हैं - Jaan Nisar Akhtar

मैं अभी ग़ैर हूँ मुझको अभी अपना न कहो - Jaan Nisar Akhtar

बेकसी हद से जब गुजर जाए - Jaan Nisar Akhtar

ये दिल और उनकी, निगाहों के साये - Jaan Nisar Akhtar

गरीब जान के हम को न तुम दग़ा देना - Jaan Nisar Akhtar

तुम महकती जवां चांदनी हो - Jaan Nisar Akhtar

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