कुँवर नारायण की कविता संग्रह: परिवेश : हम-तुम - एक उम्र

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Parivesh : Hum-Tum - Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: परिवेश : हम-तुम - एक उम्र

एक उम्र
एक उम्र खुला की
भर भर के ढला की,

एक प्यास
नशा खास पीने में।

एक उम्र बला की
बातों में टला की,

एक रात
साथ साथ जीने में।

बहुत दिनों खला की
बुझ बुझकर जला की,

एक आग
जाग जाग सीने में।

इंच इंच, साँस साँस, नपी-तुली ज़िन्दगी,
एक ख्वाब-बेहिसाब ख़र्च हुई ज़िन्दगी।
 

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