Kunwar Narayan ka Jivan Parichay

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Kunwar Narayan ka Jivan Parichay | कुँवर नारायण का जीवन परिचय  

कुँवर नारायण (19 सितम्बर 1927 - 15 नवम्बर 2017 ) हिन्दी साहित्यकार थे। आरम्भ से ही कविता के साथ-साथ चिन्तनपरक लेख, साहित्य समीक्षा,कहानियाँ भी लिखते रहे हैं । कुँवर नारायण ने अन्य भाषाओं के कवियों का हिन्दी में अनुवाद किया है और उनकी स्वयं की कविताओं और कहानियों के कई अनुवाद विभिन्न भाषाओं और कहानियों के कई भाषाओं में प्रकाशित है । 
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष तथा भारतेन्दु नाट्य अकादमी के अध्यक्ष रह चुके हैं । 2009 में उन्हें वर्ष 2005 के लिए भारत के साहित्य जगत के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नई कविता आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर कुँवर नारायण अज्ञेय द्वारा संपादित तीसरा सप्तक (1959) के प्रमुख कवियों में रहे हैं। 
कुँवर नारायण द्वारा प्रकाशित कृतियाँ हैं; 

  • कविता के बहाने (1993)
  • कहानी संग्रह: आकारों के आसपास (1973)
  • समीक्षा विचार: आज और आज से पहले (1998)
  • मेरे साक्षात्कार (1999)
  • साहित्य के कुछ अन्तर्विषयक संदर्भ (2003)
  • संकलन: कुंवर नारायण-संसार (चुने हुए लेखों का संग्रह) 2002
  • कुँवर नारायण उपस्थिति (चुने हुए लेखों का संग्रह) (2002)
  • कुँवर नारायण चुनी हुई कविताएँ (2007)
  • कुँवर नारायण- प्रतिनिधि कविताएँ (2008 )


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