कुँवर नारायण की कविता संग्रह: चक्रव्यूह - शून्य और अशून्य

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Chakravyuh : Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: चक्रव्यूह - ओस-नहाई रात

शून्य और अशून्य
एक शून्य है
मेरे और तुम्हारे बीच
जो प्रेम से भर जाता है।

एक शून्य है
मेरे और संसार के बीच
जो कर्म से भर जाता है।

एक शून्य है
मेरे और अज्ञात के बीच
जो ईश्वर से भर जाता है।

एक शून्य है
मेरे ह्रदय के बीच
जो मुझे मुझ तक पहुँचाता है।
 

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