कुँवर नारायण की कविता संग्रह: तीसरा सप्तक - जो सोता है

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Teesra Saptak : Kunwar Narayan

कुँवर नारायण की कविता संग्रह: तीसरा सप्तक - जो सोता है

जो सोता है
जो सोता है उसे सोने दो
वह सुखी है,
जो जगता है उसे जगने दो
उसे जगना है,
जो भोग चुके उसे भूल जाओ
वह नहीं है,
जो दुखता है उसे दुखने दो
उसे पकना है,
जो जाता है उसे जाने दो
उसे जाना है,
जो आता है उसे आने दो
वह अपना है,
जो रहा है जो रहेगा
उसे पाना है,
जो मिटता है उसे मिटने दो
वह सपना है!
 

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