साहिर लुधियानवी Sahir Ludhianvi ka Jivan Parichay

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साहिर लुधियानवी का जीवन परिचय
Sahir Ludhianvi ka jivan parichay

साहिर लुधियानवी का जीवन परिचय (8 मार्च 1921 - 25 अक्टूबर 1980) इनका जन्म लुधियाना में हुआ था साहिर लुधियानवी का असली नाम अब्दुल हयी और तखल्लुस (कलमी नाम) साहिर है। एक प्रसिद्ध शायर तथा गीतकार थे।  इनके पिता बहुत धनी थे पर माता-पिता में अलगाव होने के कारण उन्हें माता के साथ रहना पड़ा और गरीबी में गुज़र करना पड़ा। कॉलेज़ के दिनों में वे अपने शेरों के लिए मशहूर हो गए थे और अमृता इनकी प्रशंसक बनी।

सन् 1943 में साहिर लाहौर आ गये और उसी वर्ष उन्होंने अपनी पहली कविता संग्रह तल्खियाँ छपवायी। ' तल्खियाँ ' के प्रकाशन के बाद से ही उन्हें ख्याति प्राप्त होने लग गई। सन् 1945 में वे प्रसिद्ध उर्दू पत्र अदब-ए-लतीफ़ और शाहकार (लाहौर) के सम्पादक बने। बाद में वे द्वैमासिक पत्रिका सवेरा के भी सम्पादक बने और इस पत्रिका में उनकी किसी रचना को सरकार के विरुद्ध समझे जाने के कारण पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ वारण्ट जारी कर दिया। उनके विचार साम्यवादी थे। 

मुंबई आने के बाद वह उर्दू पत्रिका शाहराह और प्रीतलड़ी के सम्पादक बने।

(चार उर्दू पत्रिकाओं का सम्पादन, सन् 1948 तक) मुंबई (1949 के बाद) इनकी कर्मभूमि रही।

फिल्म आजादी की राह पर (1949) के लिये उन्होंने पहली बार गीत लिखे किन्तु प्रसिद्धि उन्हें फिल्म नौजवान, जिसके संगीतकार सचिनदेव बर्मन थे, के लिये लिखे गीतों से मिली। फिल्म नौजवान का गाना ठंडी हवायें लहरा के आयें ..... बहुत लोकप्रिय हुआ और आज तक है। बाद में साहिर लुधियानवी ने बाजी, प्यासा, फिर सुबह होगी, कभी कभी जैसे लोकप्रिय फिल्मों के लिये गीत लिखे। सचिनदेव बर्मन के अलावा एन. दत्ता, शंकर जयकिशन, खय्याम आदि संगीतकारों ने उनके गीतों की धुनें बनाई हैं।

साहिर लुधियानवी का दिल का दौरा पड़ने से 59 वर्ष की अवस्था में 25 अक्टूबर 1980 को उनका निधन हो गया।

साहिर लुधियानवी का व्यक्तित्व
उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जितना ध्यान औरों पर दिया उतना खुद पर नहीं। वे एक नास्तिक थे तथा उन्होंने आजादी के बाद अपने कई हिन्दू तथा सिख मित्रों की कमी महसूस की जो लाहौर में थे। उनको जीवन में दो प्रेम असफलता मिली - पहला कॉलेज के दिनों में अमृता प्रीतम के साथ जब अमृता के घरवालों ने उनकी शादी न करने का फैसला ये सोचकर लिया कि साहिर एक तो मुस्लिम हैं दूसरे ग़रीब और दूसरी सुधा मल्होत्रा से। वे आजीवन अविवाहित रहे तथा उनसठ वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके जीवन की तल्ख़ियां (कटुता) इनके लिखे शेरों में झलकती है। 
परछाईयाँ नामक कविता में उन्होंने अपने गरीब प्रेमी के जीवन की तरद्दुद का चित्रण किया है -

मैं फूल टाँक रहा हूँ तुम्हारे जूड़े में
तुम्हारी आँख मुसर्रत से झुकती जाती है
न जाने आज मैं क्या बात कहने वाला हूँ
ज़बान खुश्क है आवाज़ रुकती जाती है
तसव्वुरात की परछाइयाँ उभरती हैं
मेरे गले में तुम्हारी गुदाज़ बाहें हैं
तुम्हारे होठों पे मेरे लबों के साये हैं
मुझे यकीं है कि हम अब कभी न बिछड़ेंगे
तुम्हें गुमान है कि हम मिलके भी पराये हैं।
तसव्वुरात की परछाइयाँ उभरती हैं
मेरे पलंग पे बिखरी हुई किताबों को,
अदाए-अज्ज़ो-करम से उठ रही हो तुम
सुहाग-रात जो ढोलक पे गाये जाते हैं,
दबे सुरों में वही गीत गा रही हो तुम
तसव्वुरात की परछाइयाँ उभरती हैं
वे लमहे कितने दिलकश थे वे घड़ियाँ कितनी प्यारी थीं,
वे सहरे कितने नाज़ुक थे वे लड़ियाँ कितनी प्यारी थीं
बस्ती को हर-एक शादाब गली, रुवाबों का जज़ीरा थी गोया
हर मौजे-नफ़स, हर मौजे सबा, नग़्मों का ज़खीरा थी गोया
नागाह लहकते खेतों से टापों की सदायें आने लगीं
बारूद की बोझल बू लेकर पच्छम से हवायें आने लगीं
तामीर के रोशन चेहरे पर तखरीब का बादल फैल गया
हर गाँव में वहशत नाच उठी, हर शहर में जंगल फैल गया
मग़रिब के मुहज़्ज़ब मुल्कों से कुछ खाकी वर्दी-पोश आये
इठलाते हुए मग़रूर आये, लहराते हुए मदहोश आये
खामोश ज़मीं के सीने में, खैमों की तनाबें गड़ने लगीं
मक्खन-सी मुलायम राहों पर बूटों की खराशें पड़ने लगीं
फौजों के भयानक बैंड तले चर्खों की सदायें डूब गईं
जीपों की सुलगती धूल तले फूलों की क़बायें डूब गईं
इनसान की कीमत गिरने लगी, अजनास के भाओ चढ़ने लगे
चौपाल की रौनक घटने लगी, भरती के दफ़ातर बढ़ने लगे
बस्ती के सजीले शोख जवाँ, बन-बन के सिपाही जाने लगे
जिस राह से कम ही लौट सके उस राह पे राही जाने लगे

(पूरी कविता पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें -)

साहिर लुधियानवी का हिन्दी फिल्मो में योगदान :
हिन्दी (बॉलीवुड) फ़िल्मों के लिए लिखे उनके गानों में भी उनका व्यक्तित्व झलकता है। उनके गीतों में संजीदगी कुछ इस कदर झलकती है जैसे ये उनके जीवन से जुड़ी हों। उन्हें यद्यपि शराब की आदत पड़ गई थी पर उन्हें शराब (मय) के प्रशंसक गीतकारों में नहीं गिना जाता है। इसके बजाय उनका नाम जीवन के विषाद, प्रेम में आत्मिकता की जग़ह भौतिकता तथा सियासी खेलों की वहशत के गीतकार और शायरों में शुमार है।

साहिर वे पहले गीतकार थे जिन्हें अपने गानों के लिए रॉयल्टी मिलती थी। उनके प्रयास के बावजूद ही संभव हो पाया कि आकाशवाणी पर गानों के प्रसारण के समय गायक तथा संगीतकार के अतिरिक्त गीतकारों का भी उल्लेख किया जाता था। इससे पहले तक गानों के प्रसारण समय सिर्फ गायक तथा संगीतकार का नाम ही उद्घोषित होता था।

साहिर लुधियानवी की रचनाएँ | Sahir Ludhianvi Famous Gazal/Nazam

तल्खियाँ साहिर लुधियानवी हिंदी कविता | Talkhiyan Sahir Ludhianvi

परछाईयाँ साहिर लुधियानवी हिंदी कविता | Parchhaiyan Sahir Ludhianvi

ग़ज़लें साहिर लुधियानवी हिंदी कविता | Sahir Ludhianvi ki Ghazals

फ़िल्मी रचनाएँ साहिर लुधियानवी | Sahir Ludhianvi Filmy Songs

Sahir Ludhianvi Talkhiyan

रद्दे-अमल /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

एक मंज़र /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

एक वाकया /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

यकसूई /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

शाहकार /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

नज़रे-कालिज /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

माअजूरी /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

खाना-आबादी /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

सरज़मीने-यास /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

शिकस्त /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

किसी को उदास देखकर /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

मेरे गीत /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

अशआर-1 /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

सोचता हूँ /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

नाकामी /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

मुझे सोचने दे /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

सुबहे-नौरोज़ /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

गुरेज़ /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

चकले /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

ताजमहल /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

लम्हा-ए-गनीमत /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

तुलूअ-ए-इश्तराकियत /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

फ़नकार /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

कभी कभी /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

फ़रार /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

कल और आज /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

हिरास /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

इसी दोराहे पर /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

एक तस्वीरे-रंग /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

एहसासे-कामरां /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

ख़ुदकुशी से पहले /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

ये किसका लहू है? /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

मेरे गीत तुम्हारे हैं /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

नूरजहाँ की मज़ार पर /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

जागीर /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

मादाम /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

आज /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

नया सफ़र है पुराने चराग़ गुल कर दो /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

मताअ-ए-गैर /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

आवाज़े-आदम /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

इंतज़ार /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

तेरी आवाज़ /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

खूबसूरत मोड़ /तल्खियाँ/ साहिर लुधियानवी

Sahir Ludhianvi Parchhaiyan

परछाईयाँ /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

खून अपना हो या पराया हो /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

मादाम /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

हर चीज़ ज़माने की जहाँ पर थी /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

शाहकार /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

सांझ की लाली सुलग-सुलग कर /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

ज़िन्दगी से उन्स है /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

सदियों से इन्सान यह सुनता आया है /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

फ़रार/ परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

सनाख्वान-ए-तक्दीस-ए-मश्रिक़ कहाँ हैं?/परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

मैं जिन्दा हूँ ये मुश्तहर कीजिए /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

जब कभी उन के तवज्जो में कमी पाई गई/परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

अक़ायद वहम है मज़हब ख़याल-ए-ख़ाम है साक़ी/परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

मेरे ख्वाबों के झरोकों को सजाने वाली/परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

रद्द-ए-अमल/परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं/परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

मेरे सरकश तराने सुन के दुनिया ये समझती है/परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

हिरास /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

शिकस्त /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

एक तसवीर-ए-रंग /परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी

Sahir Ludhianvi ki Gazals

अब आएँ या न आएँ इधर पूछते चलो/ ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

खअब कोई गुलशन न उजड़े अब वतन आज़ाद है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

अक़ाएद वहम हैं मज़हब ख़याल-ए-ख़ाम है साक़ी/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

अपना दिल पेश करूँ अपनी वफ़ा पेश करूँ /ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

अहल-ए-दिल और भी हैं अहल-ए-वफ़ा और भी हैं/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के /ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

क्या जानें तिरी उम्मत किस हाल को पहुँचेगी/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

ख़ुद्दारियों के ख़ून को अर्ज़ां न कर सके/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

गुलशन गुलशन फूल /ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

गो मसलक-ए-तस्लीम-ओ-रज़ा भी है कोई चीज़/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

जब कभी उन की तवज्जोह में कमी पाई गई/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

जुर्म-ए-उल्फ़त पे हमें लोग सज़ा देते हैं/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

जो लुत्फ़-ए-मय-कशी है निगारों में आएगा/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

तरब-ज़ारों पे क्या बीती सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

तिरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जाएँ/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

तोड़ लेंगे हर इक शय से रिश्ता तोड़ देने की नौबत तो आए/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

देखा तो था यूँही किसी ग़फ़लत-शिआर ने/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

न तो ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए /ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

नफ़स के लोच में रम ही नहीं कुछ और भी है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

पर्बतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

पोंछ कर अश्क अपनी आँखों से मुस्कुराओ तो कोई बात बने/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

फ़न जो नादार तक नहीं पहुँचा/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

बरबाद-ए-मोहब्बत की दुआ साथ लिए जा/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

बहुत घुटन है कोई सूरत-ए-बयाँ निकले/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

बुझा दिए हैं ख़ुद अपने हाथों मोहब्बतों के दिए जला के/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागर से हम/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

भूले से मोहब्बत कर बैठा, नादाँ था बेचारा, दिल ही तो है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

मिलती है ज़िंदगी में मोहब्बत कभी कभी /ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

मैं ज़िंदा हूँ ये मुश्तहर कीजिए/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

मोहब्बत तर्क की मैं ने गरेबाँ सी लिया मैं ने/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

ये ज़मीं किस क़दर सजाई गई/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

ये ज़ुल्फ़ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

ये वादियाँ ये फ़ज़ाएँ बुला रही हैं तुम्हें/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

लब पे पाबंदी तो है एहसास पर पहरा तो है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

शर्मा के यूँ न देख अदा के मक़ाम से/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

सज़ा का हाल सुनाएँ जज़ा की बात करें/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

सदियों से इंसान ये सुनता आया है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

संसार से भागे फिरते हो भगवान को तुम क्या पाओगे/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

हवस-नसीब नज़र को कहीं क़रार नहीं/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

हर क़दम मरहला-दार-ओ-सलीब आज भी है/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

हर-चंद मिरी क़ुव्वत-ए-गुफ़्तार है महबूस/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

हर तरह के जज़्बात का एलान हैं आँखें/ग़ज़ल/साहिर लुधियानवी

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