Prem Dhawan Hindi Geet

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हिंदी कविता

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हिंदी गीत प्रेम धवन(toc)

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन

तुझ पे दिल क़ुरबान

तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू

तू ही मेरी जान

 

 

 

तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम

चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम

सबसे प्यारी सुबह तेरी

सबसे रंगीं तेरी शाम

तुझ पे दिल क़ुरबान ...

 

माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू

और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू

जितना याद आता है मुझको

उतना तड़पाता है तू

तुझ पे दिल क़ुरबान ...

 

छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम

फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की क़सम

हम जहाँ पैदा हुए

उस जगह पे ही निकले दम

तुझ पे दिल क़ुरबान ...

 

 

 

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम

जलते भी गये, कहते भी गये

आज़ादी के परवाने

जीना तो उसी का जीना है

जो मरना वतन पे जाने

 

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम

तेरी राहों में जाँ तक लुटा जायेंगे

फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम

भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे

ऐ वतन ऐ वतन

 

 

 

कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से

कोई यू.पी. से है, कोई बंगाल से

तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम

फूल हर रंग के, आज हर डाल से

नाम कुछ भी सही, पर लगन एक है

जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे

ऐ वतन ऐ वतन...

 

तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र

उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम

तेरी धरती पे हैं जो कदम ग़ैर का

उस कदम का निशाँ तक मिटा देंगे हम

जो भी दीवार आयेगी अब सामने

ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे

ऐ वतन ऐ वतन...

 

 

 

तू ना रोना के तू है भगत सिंह की माँ

मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं

घोड़ी चढ़ के तो लाते हैं दुल्हन सभी

हँस के हर कोई फाँसी चढ़ेगा नहीं

इश्क आज़ादी से आशिकों ने किया

देख लेना उसे हम ब्याह लाएँगे

ऐ वतन ऐ वतन...

 

जब शहीदों की अर्थी उठे धूम से

देश वालों तुम आँसू बहाना नहीं

पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन

उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं

लौट कर आ सकें ना जहां में तो क्या

याद बन के दिलों में तो आ जाएँगे

ऐ वतन ऐ वतन...

 

 

 

मेरा रंग दे बसंती चोला

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला

मेरा रंग दे

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला

ओये रंग दे बसंती चोला

माये रंग दे बसंती चोला

दम निकले इस देश की खातिर

बस इतना अरमान है

एक बार इस राह में मरना

सौ जन्मों के समान है

देख के वीरों की क़ुरबानी

अपना दिल भी बोला

मेरा रंग दे बसंती चोला

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला

मेरा रंग दे

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला

ओये रंग दे बसंती चोला

माये रंग दे बसंती चोला

 

 

 

जिस चोले को पहन शिवाजी

खेले अपनी जान पे

जिस चोले को पहन शिवाजी

खेले अपनी जान पे

जिसे पहन झाँसी की रानी

मिट गई अपनी आन पे

आज उसी को पहन के निकला

हम मस्तों का टोला

मेरा रंग दे बसंती चोला

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला

मेरा रंग दे

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला

ओये रंग दे बसंती चोला

माये रंग दे बसंती चोला

 

 

 

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी

नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी

हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

 

आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं

क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं

चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़माना

नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं

नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी

 

 

 

हम को कितने ताजमहल हैं और बनाने

कितने हैं अजंता हम को और सजाने

अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का

कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने ?

 

आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं

अपने हाथों से अपना भगवान बनाएं

राम की इस धरती को गौतम कि भूमी को

सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं ?

 

दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के

दीप जलाए हैं ये कितने दीप बुझा के

ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को

रखना होगा हर दुश्मन से आज बचा के ?

 

 

 

हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो

मिट्टी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो

सोने कि ये गंगा है चांदी की जमुना

चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो ?

 

ओ नन्हे से फ़रिश्ते, तुझ से ये कैसा नाता

ओ नन्हे से फ़रिश्ते, तुझ से ये कैसा नाता

कैसे ये दिल के रिश्ते, ओ नन्हे से फ़रिश्ते

happy birthday to you ...

 

तुझे देखने को तरसे, क्यों हर घड़ी निगाहें

बेचैन सी रहती हैं, तेरे लिये ये बाहें

मुझे खुद पता नहीं है, मुझे तुझसे प्यार क्यूं है,

ओ नन्हे ...

 

नाज़ुक सा फूल है तू, किसी और के चमन का

खुशबू से तेरी महके, क्यों बाग मेरे मन का

मेरी ज़िन्दगी में छाई, तुझसे बहार क्यूं है,

ओ नन्हे ...

 

 

 

तू कुछ नहीं है मेरा, फिर भी ये तड़प कैसी

तुझे देखते ही खून में, उठती है इक लहर सी

हर वक्त मुझको रहता, तेरा इन्तज़ार क्यूं है,

ओ नन्हे ...

 

तुझे सूरज कहूं या चंदा

तुझे सूरज कहूं या चंदा

तुझे दीप कहूं या तारा

मेरा नाम करेगा रौशन

जग में मेरा राज दुलारा

 

 

 

मेरा घर था खाली खाली

छाई थी अजब उदासी

जीवन था सूना सूना

हर आस थी प्यासी प्यासी

तेरे आते ही खुशियों से

भार गया है जीवन सारा

मेरा नाम करेगा रौशन ...

 

मैं कब से तरस रहा था

मेरे आँगन में कोई खेले

नन्ही सी हँसी के बदले

मेरी सारी दुनिया ले ले

तेरे संग झूल रहा है

मेरी बाहों में जग सारा

मेरा नाम करेगा रौशन ...

 

 

 

आज उँगली थाम के तेरी

तुझे मैं चलना सिखलाऊँ

कल हाथ पकड़ना मेरा

जब मैं बूढ़ा हो जाऊँ

तू मिला तो मैं ने पाया

जीने का नया सहारा

मेरा नाम करेगा रौशन ...

 

मेरे बाद भी इस दुनिया में

ज़िंदा मेरा नाम रहेगा

जो भी तुझ को देखेगा

तुझे मेरा लाल कहेगा

तेरे रूप में मिल जायेगा

मुझ को जीवन दोबारा

मेरा नाम करेगा रौशन ...

 

 

 

वफ़ा जिनसे की, बेवफ़ा हो गए

हो गए दो रोज़ में, आबाद भी बरबाद भी

अब तमन्ना है यही, आए न उनकी याद भी

 

वफ़ा जिनसे की, बेवफ़ा हो गए

वो वादे मोहब्बत के क्या हो गए

 

जो कहते थे हम को, सदा हैं तुम्हारे

ज़माने में सबसे, जिन्हे हम थे प्यारे

वो ही आज हमसे जुदा हो गए

 

वो इतना बता दें, कभी पास आके

मिला क्या उन्हें है, हमें यूँ मिटाके

ख़ता क्या थी जो, वो ख़फ़ा हो गए

 

 

 

मेरे सामने भी अगर अब वो आएं

न दिखेंगी उनको ये बेबस निगाहें

वो जिनके लिए हम फ़ना हो गए

 

तेरी दुनिया से होके मजबूर चला

तेरी दुनिया से होके मजबूर चला

मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला

तेरी दुनिया से होके मजबूर चला

मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला

तेरी दुनिया से

 

 

 

इस क़दर दूर के फिर, लौट के भी आ न सकूँ

ऐसी मंज़िल के जहाँ, खुद को भी मैं पा न सकूँ

और मजबूरी है क्या?

और मजबूरी है क्या, इतना भी बतला न सकूँ

तेरी दुनिया से होके मजबूर चला

मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला

तेरी दुनिया से

 

आँख भर आयी अगर, अश्क़ों को मैं पी लूँगा

आह निकली जो कभी, होंठों को मैं सी लूँगा

तुझसे वादा है किया

तुझसे वादा है किया, इस लिये मैं जी लूँगा

तेरी दुनिया से होके मजबूर चला

मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला

तेरी दुनिया से

 

खुश रहे तू है जहाँ, ले जा दुआएँ मेरी

तेरी राहों से जुदा हो गयी राहें मेरी

कुछ नहीं साथ मेरे

कुछ नहीं साथ मेरे, बस हैं खताएँ मेरी

तेरी दुनिया से होके मजबूर चला

मैं बहुत दूर, बहुत दूर, बहुत दूर चला

तेरी दुनिया से

 

 

 

हाय जिया रोए रोए

हाय जिया रोए रोए

पिया नाहि आए आए

हाय जिया रोए रोए

इक मैं ही जागूँ

सारा जग सोए

हाय जिया रोए रोए

 

तुमने तो देखा होगा, ऐ चाँद तारो

कित गए मोरे सैंया, तुम ही पुकारो

ओ तुम ही पुकारो, जाओ उनको इतना बताओ

हाय जिया रोए रोए ...

 

कब तक जिये कोई बिरहा की मारी

चँदा तेरी चाँदनी मोहे लागे अँधियारी

आओ सैंयाँ, अब तो आ जाओ

हाय जिया रोए रोए ...


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