Shailendra Selected Filmi/Bollywood Songs

Hindi Kavita

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हिंदी कविता

shailendra-ke-geet
शैलेन्द्र चुनिंदा फ़िल्मी / बॉलीवुड गाने(toc)

होठों पे सच्चाई रहती है - Shailendra

होठों पे सच्चाई रहती है जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 
मेहमां जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हम को थोड़े में गुज़ारा होता है
बच्चों के लिए जो धरती माँ
सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 
कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है, पूरब वाले हर जान की कीमत जानते हैं
हिल-मिल के रहो और प्यार करो
इक चीज़ यही तो रहती है
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 
जो जिस से मिला सीखा हम ने, ग़ैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिए अन्धे बनकर रोटी को नहीं पूजा हम ने
अब हम तो क्या सारी दुनिया
सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है !
 

ये चमन हमारा अपना है - Shailendra

ये चमन हमारा अपना है
इस देश पे अपना राज है
इस देश पे अपना राज है
मत कहो के सर पे टोपी है
कहो सर पे हमारे ताज है
कहो सर पे हमारे ताज है
ये चमन हमारा अपना है ...
 
आती थी एक दिवाली
आती थी एक दिवाली
बरसों में कभी खुशहाली
अब तो हर एक वार एक त्यौहार है
ये उभरता सँवारता समाज है
ये चमन हमारा ...
 
ये जान से प्यारी धरती
ये जान से प्यारी धरती
दुनिया की दुलारी धरती
ओ ये अमन का दिया आँधियों में जला
सारी दुनिया को इस पे नाज़ है
ये चमन हमारा अपना है...
 
हो देख लो कहीं ग़म न रहे कहीं ग़म न रहे
कहीं ग़म न रहे कहीं ग़म न रहे
ओ रोशनी कहीं कम न रहे कहीं ग़म न रहे
कहीं ग़म न रहे कहीं ग़म न रहे
सारे संसार की आँख हम पे लगी
अपने हाथों में अपनी लाज है
 
ये चमन हमारा अपना है
इस देश पे अपना राज है
 

देश की धरती ने ललकारा - Shailendra

देश की धरती ने ललकारा
गुंजहा आज़ादी का नारा
देश की धरती ने ललकारा
गुंजहा आज़ादी का नारा
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
 
गरज उठी है रवी भवानी
उबले सगर उछला पानी
गरज उठी है रवी भवानी
उबले सगर उछला पानी
कहे पुकार पथरी धरती
महाराज की प्यारी धरती
मौत से लड़ने वाले आ
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
 
कब से प्यासी है तलवारें
बरसे भाले तीर कटारें
कब से प्यासी है तलवारें
बरसे भले तिर कतारे
खून से इनकी प्यास भुजेगी
खून से इनकी प्यास भुजा
मौत से लड़ने वाले आ
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
 
ये बदनाम गुलामी इसमें
जीने से मरना अच्छा है
ये बदनाम गुलामी इसमें
जीने से मरना अच्छा है
आज़ादी के लिए मरे जो
माँ का वो सपूत सच्चा है
कमर बाँध तलवार उठा
मर्दानी है जो दिखला
मौत से लड़ने वाले आ
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
 
देश की धरती ने ललकारा
गुंजहा आज़ादी का नारा
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
देश पे मरने वाले आ
मौत से लड़ने वाले आ
 

मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे - Shailendra

मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे
जनमभूमि के काम आया मैं, बड़े भाग हैं मेरे
मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे, मत रो
 
हँसकर मुझको आज विदा कर, जनम सफल हो मेरा
रोता जग में आया, हँसता चला ये बालक तेरा
मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे, मत रो
 
धूल मेरी जिस जगह तेरी मिट्टी से मिल जाएगी
सौ-सौ लाल गुलाबों की फुलबगिया लहराएगी
मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे, मत रो
 
कल मैं नहीं रहूँगा लेकिन, जब होगा अँधियारा
तारों में तू देखेगी हँसता एक नया सितारा
मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे, मत रो
 
फिर जनमूँगा उस दिन जब आज़ाद बहेगी गंगा, मैया
उन्नत भाल हिमालय पर जब लहराएगा तिरंगा
मत रो माता …
 

आ अब लौट चलें - Shailendra

आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ जा रे आ आ आ
 
सहज है सीधी राह पे चलना
देख के उल्झन बच के निकलना
कोई ये चाहे माने न माने
बहुत ही मुश्किल गिर के संभलना
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ जा रे आ आ आ
 
आँख हमारी मंजिल पर है
दिल में ख़ुशी की मस्त लहर है
लाख लुभाये महल पराए
अपना घर फिर अपना घर है
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
नैन बिछाए बाहें पसारे
तुझको पुकारे देश तेरा
आ जा रे आ आ आ
 

मेरा जूता है जापानी - Shailendra

मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिस्तानी
सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी
मेरा जूता...
 
निकल पड़े हैं खुली सड़क पर
अपना सीना ताने - (२)
मंज़िल कहाँ कहाँ रुकना है
ऊपर वाला जाने - (२)
बढ़ते जायें हम सैलानी, जैसे एक दरिया तूफ़ानी
सर पे लाल...
 
ऊपर नीचे नीचे ऊपर
लहर चले जीवन की - (२)
नादाँ हैं जो बैठ किनारे
पूछें राह वतन की - (२)
चलना जीवन की कहानी, रुकना मौत की निशानी
सर पे लाल...
 
होंगे राजे राजकुँवर हम
बिगड़े दिल शहज़ादे - (२)
हम सिंहासन पर जा बैठे
जब जब करें इरादे - (२)
सूरत है जानी पहचानी, दुनिया वालों को हैरानी
सर पे लाल...
 

मेरा नाम राजू घराना अनाम - Shailendra

मेरा नाम राजू घराना अनाम
बहती है गंगा जहाँ मेरा धाम
मेरा नाम राजू ...
 
काम नये नित गीत बनाना
गीत बना के जहां को सुनाना
कोई न मिले तो अकेले में गाना
कविराज कहे, न ये ताज रहे
न ये राज रहे, न ये राजघराना
प्रीत और प्रीत का गीत रहे
कभी लूट सका न कोई ये खज़ाना
मेरा नाम राजू ...
 
धूल का इक बादल अलबेला
निकला हूँ अपने सफ़र में अकेला
छुप-छुप देखूँ मैं दुनिया का मेला
काहे मान करे, अभिमान करे
नादान तुझे इक दिन तो है जाना
डफ़ली उठा आवाज़ मिला
गा मिल के मेरे संग प्रेम तराना
मेरा नाम राजू ...
 

नन्हें-मुन्ने बच्चे ! तेरी मुट्ठी में क्या है Shailendra

नन्हें-मुन्ने बच्चे ! तेरी मुट्ठी में क्या है ?
 
मुट्ठी में है तक़दीर हमारी
हमने किस्मत को वश में किया है !
 
भोली-भाली मतवाली आँखों में क्या है ?
 
आँखों में झूमे उम्मीदों की दीवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है !
 
भीख में जो मोती मिलें, लोगे या न लोगे ?
ज़िन्दगी के आँसुओं का बोलो क्या करोगे ?
 
भीख में जो मोती मिलें तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहिनेंगे
मुश्किलों से लड़ते-भिड़ते जीने में मज़ा है !
 
हमसे न छिपाओ, बच्चों ! हमें तो बताओ
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ ?
 
आने वाली दुनिया में सबके सर पे ताज होगा
न भूखों की भीड़ होगी, न दुखों का राज होगा
बदलेगा ज़माना, ये सितारों पे लिखा है !
 
नन्हें-मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ?
 
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को वश में किया है !
 

नींदपरी लोरी गाए, माँ झुलाए पालना Shailendra

नींदपरी लोरी गाए, माँ झुलाए पालना
सो जा मेरे लालना, सो जा मेरे लालना
मीठे-मीठे सपनों में खो जा मेरे लालना
नींदपरी लोरी गाए...
 
तूने मेरे मदभरे सपनों को रंग डाला
तेरी दोनों अँखियोँ में दुनिया का उजियाला
तू जो हँसे, झिलमिलाए दीपमाला
नींदपरी लोरी गाए …
 
तू ना होता ज़िंदगी में आहें होतीं सूनी-सूनी
फैली-फैली ममता की बाँहें होतीं सूनी-सूनी
होतीं मेरे दिल की राहें सूनी-सूनी
नींदपरी लोरी गाए …
 

आ जा रे आ निंदिया तू आ Shailendra

आ जा रे आ निंदिया तू आ
झिलमिल सितारों से उतर आँखों में आ सपने सजा
 
सोई कली सोया चमन पीपल तले सोई हवा
सब रंगा इक रंग में तूने ये क्या जादू किया
आ जा ...
 
संसार की रानी है तू राजा है मेरा लाडला
दुनिया है मेरी गोद में सोया हुआ सपना मेरा,
आ जा ...
 

एक दौर नया दुनिया में शुरु बच्चों के क़दम से होगा Shailendra

एक दौर नया दुनिया में शुरु बच्चों के क़दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा
ये राम और श्रीकृष्ण की धरती, धरती बुद्ध महान की
युग-युग से इस मिट्टी ने अगवाई की इन्सान की
ये देश है अर्जुन-भीम का, राणा प्रताप-से वीर का
कुछ करके दिखाएँगे हम भी, कुछ अपने भी दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा
 
यहाँ तुलसी सूर कबीर और मीरा, अमर तराने गा गए
कालिदास और कवि विद्यापति अमृत रस बरसा गए
ये जन्मभूमी टैगोर की, सब कवियों में सिरमोर की
कुछ करके दिखाएँगे हम भी, कुछ अपने भी दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा
 
यहाँ लाला लाजपतराय ने उठकर दुश्मन को ललकारा था
मर्द-मराठा तिलक यहीं पर सिंघसमान दहाड़ा था
आए सुभाष, आए गांधी, चली देशप्रेम की एक आँधी
कुछ करके दिखाएँगे हम भी, कुछ अपने भी दम से होगा
बदनाम हो जिससे देश अपना, वो काम ना हमसे होगा
एक दौर नया …
 

नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए Shailendra

नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए
बाकी जो बचा था काले चोर ले गए - २
 
खाके पीके मोटे होके, चोर बैठे रेल में
चोरों वाला डिब्बा कट कर, पहुँचा सीधे जेल में - २
नानी तेरी मोरनी को ...
 
उन चोरों की ख़ूब ख़बर ली, मोटे थानेदार ने
मोरों को भी खूब नचाया, जंगल की सरकार ने - २
नानी तेरी मोरनी को ...
 
अच्छी नानी प्यारी नानी, रूसा-रूसी छोड़ दे
जल्दी से एक पैसा दे दे, तू कंजूसी छोड़ दे - २
नानी तेरी मोरनी को ...
 

जूही की कली मेरी लाडली Shailendra

जूही की कली मेरी लाडली
नाज़ों की पली मेरी लाडली
ओ आस-किरन जुग-जुग तू जीए
नन्ही सी परी मेरी लाडली, ओ मेरी लाडली
 
धरती पे उतर आया चँदा तेरा चहरा बना
चम्पी का सलौना गुलदस्ता तन तेरा बना, ओ मेरी लाडली
कोमल तितली मेरी लाडली
हीरे की कनी मेरी लाडली, ओ आस-किरन जुग-जुग...
 
शर्माए दीवाली तारों की तेरे नैनों से
कोयल ने चुराई है पंचम तेरे बैनों से, ओ मेरी लाडली
गुड़िया सी ढली मेरी लाडली
मोहे लागे भली मेरी लाडली, ओ आस-किरन जुग-जुग...
 
हर बोल तेरा सिखलाए हमें दुख से लड़ना
मुस्कान तेरी कहती है सदा धीरज धरना, ओ मेरी लाडली
गंगा की लहर मेरी लाडली
चंचल सागर मेरी लाडली, ओ आस-किरन जुग-जुग...
 

तितली उड़ी, उड़ जो चली Shailendra

तितली उड़ी, उड़ जो चली
फूल ने कहा, आजा मेरे पास
तितली कहे, मैं चली आकाश
 
खिले हैं गगन में तारों के जो फूल
वहीं मेरी मंज़िल कैसे जाऊँ भूल
जहाँ नहीं बंधन, ना कोई दीवार
जाना है मुझे वहाँ बादलों के पार
तितली उड़ी, उड़ जो चली …
 
फूल ने कहा, तेरा जाना है बेकार
कौन है वहाँ जो करे तेरा इंतज़ार
बोली तितली दोनों पंख पसार
वहाँ पे मिलेगा मेरा राजकुमार
तितली उड़ी, उड़ जो चली …
 
तितली ने पूरी जब कर ली उड़ान
नई दुनिया में हुई नई पहचान
मिला उसे सपनों का राजकुमार
तितली को मिल गया मनचाहा प्यार
तितली उड़ी, उड़ जो चली …
 

मुन्ना बड़ा प्यारा, अम्मी का दुलारा Shailendra

मुन्ना बड़ा प्यारा, अम्मी का दुलारा
कोई कहे चाँद, कोई आँख का तारा
 
हँसे तो भला लगे, रोये तो भला लगे
अम्मी को उसके बिना कुछ भी अच्छा न लगे
जियो मेरे लाल! जियो मेरे लाल!
तुमको लगे मेरी उमर, जियो मेरे लाल!
मुन्ना बड़ा प्यारा ...
 
इक दिन वो माँ से बोला- क्यूँ फूँकती है चूल्हा
क्यूँ ना रोटियों का पेड़ हम लगालें
आम तोड़ें रोटी तोड़ें रोटी-आम खा लें
काहे करे रोज़-रोज़ तू ये झमेला
अम्मी को आई हंसी, हँस के वो कहने लगी
लाल मेहनत के बिना रोटी किस घर में पकी
जियो मेरे लाल! जियो मेरे लाल!!
ओ जियो जियो जियो जियो जियो मेरे लाल!
मुन्ना बड़ा प्यारा ...
 
एक दिन यूँ छुपा मुन्ना, ढूंढे ना मिला मुन्ना
बिस्तर के नीचे, कुर्सियों के पीछे
देखा कोना-कोना, सब थे साँस खींचे
कहाँ गया, कैसे गया, सब थे परेशां
सारा जग ढूंढ थके, कहीं मुन्ना ना मिला
मिला तो प्यार भरी माँ की आँखों में मिला
जियो मेरे लाल! जियो मेरे लाल!!
ओ तुमको लगे मेरी उमर जियो मेरे लाल!!!
मुन्ना बड़ा प्यारा ...
 
जब साँझ मुस्कुराये, पश्‍चिम में रंग उड़ाये
मुन्ने को ले के अम्मी दरवाज़े पे आ जाये
आते होंगे बाबा मुन्ने की मिठाई
लाते होंगे बाबा ...
 

मैं गाऊँ तुम सो जाओ Shailendra

मैं गाऊँ तुम सो जाओ
सुख सपनों में खो जाओ
माना आज की रात है लम्बी
माना दिन था भारी
पर जग बदला बदलेगी
एक दिन तक़दीर हमारी
उस दिन के ख्वाब सजाओ
 
कल तुम जब आँखें खोलोगे
जब होगा उजियारा
खुशियों का सन्देशा लेकर
आएगा सवेरा प्यारा
मत आस के दीप बुझाओ,
मैं गाऊँ ...
 
जी करता है जीते जी
मैं यूँ ही गाता जाऊं
गर्दिश में थके हाथों का
माथा सहलाता जाऊं
फिर इक दिन तुम दोहराओ,
सुख सपनों ...
 

भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना Shailendra

भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे छोटी बहन को ना भुलाना
देखो ये नाता निभाना निभाना
भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे छोटी बहन को ना भुलाना
भैया मेरे
 
ये दिन ये त्यौहार खुशी का
पावन जैसे नीर नदी का
भाई के उजले माथे पे
बहन लगाए मंगल टीका
झूमे ये सावन सुहाना सुहाना
भैया मेरे भैया मेरे
राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे छोटी बहन को ना भुलाना
भैया मेरे
 
बाँध के हमने रेशम डोरी
तुमसे वो उम्मीद है जोड़ी
नाज़ुक है जो सांस के जैसे
पर जीवन भर जाए न तोड़ी
जाने ये सारा ज़माना ज़माना
भैया मेरे भैया मेरे
राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे छोटी बहन को ना भुलाना
भैया मेरे
 
शायद वो सावन भी आए
जो पहला सा रंग न लाए
बहन पराए देश बसी हो
अगर वो तुम तक पहुँच न पाए
याद का दीपक जलाना जलाना
भैया मेरे भैया मेरे
राखी के बंधन को निभाना
भैया मेरे छोटी बहन को ना भुलाना
भैया मेरे
 

बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है Shailendra

बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है
प्यार के दो तार से, सँसार बाँधा है
रेशम की डोरी से -
रेशम की डोरी से सँसार बाँधा है
 
सुंदरता में जो कन्हैया है
ममता में यशोदा मैय्या है
वो और नहीं दूजा कोई
वो तो मेरा राजा भैया है बहना ने भाई...
 
मेरा फूल है तू, तल्वार है तू
मेरी लाज का पहरेदार है तू
मैं अकेली कहाँ इस दुनिया में
मेरा सारा सँसार है तू
बहना ने भाई...
 
हमें दूर भले किस्मत कर दे
अपने मन से न जुदा करना
सावन के पावन दिन भैया
बहना को याद किया करना
बहना ने भाई..
 

अबके बरस भेज भैया को बाबुल Shailendra

अबके बरस भेज भैया को बाबुल,
सावन में लीजो बुलाय रे
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ,
दीजो संदेसा भिजाय रे
 
अंबुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे,
रिमझिम पड़ेंगी फुहारें
लौटेंगी फिर तेरे आँगन में बाबुल,
सावन की ठंडी बहारें
छलके नयन मोरा कसके रे जियरा,
बचपन की जब याद आए रे
अबके बरस भेज भैया को बाबुल
 
बैरन जवानी ने छीने खिलौने,
और मेरी गुड़िया चुराई
बाबुल थी मैं तेरे नाज़ों की पाली,
फिर क्यूँ हुई मैं पराई
बीते रे जुग, कोई चिठिया ना पाती,
ना कोई नैहर से आए रे
अबके बरस भेज भैया को बाबुल …
 

लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया Shailendra

लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया
पिया की पियारी भोली भाली रे दुल्हनिया
 
लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया
मीठे बैन तीखे नैनों वाली रे दुल्हनिया
 
लौटेगी जो गोदी भर हमें ना भुलाना
लड्डू पेढ़े लाना अपने हाथों से खिलाना
तेरी सब रातें हों दीवाली रे दुल्हनिया
 
दूल्हे राजा रखना जतन से दुल्हन को
कभी न दुखाना तू गोरिया के मन को
नाज़ुक है नाज़ों की है पाली रे दुल्हनिया
 

गोरी, बाबुल का घरवा अब है बिदेसवा Shailendra

गोरी, बाबुल का घरवा अब है बिदेसवा
साजन के चरणों में घर है तेरा
ओ गोरी, चार दीवारी, अंगना, अटारी
यही तेरी दुनिया, ये जग है तेरा
गोरी, बाबुल का घरवा
 
आई है तू, बगिया में जैसे बहार आई रे
आँचल में प्यार, अँखियों में सपने हज़ार लाई रे
बड़ी गहरी नदिया के पार आई रे
गोरी, बाबुल का घरवा …
 
रंगोंभरी नई एक दुनिया बसाएगी तू
उम्मीद का नया एक दिवडा जलाएगी तू
पलने में चँदा को झुलाएगी तू
गोरी बाबुल का घरवा …
 

मन भावन के घर जाए गोरी Shailendra

मन भावन के घर जाए गोरी
घूँघट में शरमाए गोरी
बंधी रहे ये प्यार की डोरी
हमें ना भुलाना...
 
बचपन के दिन खेल गंवाए
आई जवानी तो बालम आए
तेरे आंगन बंधे बधाई गोरी
क्यों नैना छलकाए गोरी
हमें ना भुलाना...
 
इस दुनिया की रीत यही है
हाथ जो थामे मीत वही है
अब हम तो हुए पराए गोरी
फिर तेरे संग जाए गोरी
हमें ना भुलाना...
 
मस्ती भरे सावन के झूले
तुझको कसम है जो तू भूले
अब के जब वापस आए गोरी
गोद भरी ले आए गोरी
हमें ना भुलाना...
 

आवारा हूँ, आवारा हूँ Shailendra

आवारा हूँ, आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ - २
आवारा हूँ, आवारा हूँ
 
घर-बार नहीं, संसार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं - २
उस पार किसी से मिलने का इक़रार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं - २
सुनसान नगर अन्जान डगर का प्यारा हूँ
आवारा हूँ, आवारा हूँ
 
आबाद नहीं बरबाद सही
गाता हूँ खुशी के गीत मगर - २
ज़ख्मों से भरा सीना है मेरा
हंसती है मगर ये मस्त नज़र
दुनिया sss
दुनिया में तेरे तीर का या तकदीर का मारा हूँ
आवारा हूँ, आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ
आवारा हूँ, आवारा हूँ
 

ऐ मेरे दिल कहीं और चल Shailendra

ऐ मेरे दिल कहीं और चल
ग़म की दुनिया से दिल भर गया
ढूंढ ले अब कोई दिल नया
 
चल जहाँ ग़म के मारे न हों
झूठी आशा के तारे न हों
इन बहारों से क्या फ़ायदा
जिसमें दिल की कली जल गई
ज़ख़्म फिर से हरा हो गया
ऐ मेरे दिल कहीं और चल....
 
चार आँसू कोई रो दिया
फेर कर मुँह कोई चल दिया
लुट रहा था किसी का जहाँ
देखती रह गई ये ज़मीं
चुप रहा बेरहम आस्माँ
ऐ मेरे दिल कहीं और चल...
 

कोई लौटा दे मेरे, बीते हुए दिन Shailendra

कोई लौटा दे मेरे, बीते हुए दिन
बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल छिन
कोई लौटा दे ...
 
मैं अकेला तो ना था, थे मेरे साथी कई
एक आँधी-सी उठी, जो भी था लेके गई
आज मैं ढूँढूँ कहाँ, खो गए जाने किधर
बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल-छिन
कोई लौटा दे ...
 
मेरे ख़्वाबों के नगर, मेरे सपनों के शहर
पी लिया जिनके लिए, मैंने जीवन का ज़हर
ऐसे भी दिन थे कभी, मेरी दुनिया थी मेरी
बीते हुए दिन वो हाय, प्यारे पल-छिन
कोई लौटा दे ...
 

तू प्यार का सागर है Shailendra

तू प्यार का सागर है, तेरी इक बून्द के प्यासे हम
लौटा जो दिया तुमने, चले जाएँगे जहाँ से हम
तू प्यार का सागर है ...
 
घायल मन का, पागल पँछी उड़ने को बेक़रार
पँख हैं कोमल, आँख है धुँधली, जाना है सागर पार
जाना है सागर पार
अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहाँ से हम
तू प्यार का सागर है
 
इधर झूमती गाए ज़िन्दगी, उधर है मौत खड़ी
कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पड़ी
उलझन आन पड़ी
कानों में ज़रा कह दे, कि आएँ कौन दिशा से हम
तू प्यार का सागर है
 

दिल अपना औ प्रीत पराई Shailendra

दिल अपना औ प्रीत पराई
किस ने है ये रीत बनाई
आँधी में एक दीप जलाया
और पानी में आग लगाई
दिल अपना ...
 
है दर्द ऐसा कि सहना है मुश्किल
दुनिया वालों से कहना है मुश्किल
घिर के आया है तूफ़ान ऐसा
बच के साहिल से रहना है मुश्किल
दिल अपना ...
 
दिल को सम्भाला न दामन बचाया
फैली जब आग तब होश आया
ग़म के मारे पुकारें किसे हम
हम से बिछड़ा हमारा भी साया
दिल अपना ...
 

ये शाम की तन्हाइयाँ ऐसे में तेरा ग़म Shailendra

ये शाम की तन्हाइयाँ ऐसे में तेरा ग़म
पत्ते कहीं खड़के हवा आई तो चौंके हम
ये शाम की तन्हाइयाँ ...
 
जिस राह से तुम आने को थे
उस के निशाँ भी मिटने लगे
आये न तुम सौ सौ दफ़ा आये गये मौसम
ये शाम की तन्हाइयाँ ...
 
सीने से लगा तेरी याद को
रोती रही मैं रात को
हालत पे मेरी चाँद तारे रो गये शबनम
ये शाम की तन्हाइयाँ ...
 

रमय्या वस्तावय्या Shailendra

रमय्या वस्तावय्या, रमय्या वस्तावय्या
मैने दिल तुझको दिया
 
नैनों में थी प्यार की रोशनी, तेरी आँखों में ये दुनियादारी न थी
तू और था तेरा दिल और था, तेरे मन में ये मीठी कटारी न थी
मैं जो दुख पाऊँ तो क्या, आज पछताऊँ तो क्या
मैने दिल तुझको दिया
 
उस देश में तेरे परदेस में, सोने चांदी के बदले में बिकते हैं दिल
इस गाँव में दर्द की छांव में, प्यार के नाम पर ही तड़पते हैं दिल
चाँद तारों के तले, रात ये गाती चले
मैने दिल तुझको दिया
 
याद आती रही दिल दुखाती रही, अपने मन को मनाना न आया हमें
तू न आए तो क्या भूल जाए तो क्या, प्यार करके भुलाना न आया हमें
वहीं से दूर से ही, तू भी ये कह दे कभी
मैने दिल तुझको दिया
 
रस्ता वही और मुसाफ़िर वही, एक तारा न जाने कहाँ छुप गया
दुनिया वही दुनियावाले वही, कोई क्या जाने किसका जहाँ लुट गया
मेरी आँखों में रहे, कौन जो तुझसे कहे
मैने दिल तुझको दिया
रमय्या वस्तावय्या, रमय्या वस्तावय्या ..
 

राजा की आएगी बारात Shailendra

राजा की आएगी बारात, रंगीली होगी रात
मगन मैं नाचूंगी, हो मगन मैं नाचूंगी
राजा की आएगी बारात ...
 
राजा के माथे तिलक लगेगा, रानी की माँग सिन्दूर
मैं भी अपने मन की आशा, पूरी करूंगी ज़रूर
मेंहदी से पीले होंगे हाथ, सहेलियों के साथ
मगन मैं नाचूंगी, हो मगन मैं नाचूंगी
राजा की आएगी बारात ...
 
रानी के संग राजा डोले सजाके, चले जाएंगे परदेस
जब जब उनकी याद आएगी, दिल पे लगेगी ठेस
नैनों से होगी बरसात, अन्धेरी होगी रात
मगन मैं नाचूंगी, हो मगन मैं नाचूंगी
राजा की आएगी बारात ...
 

वहाँ कौन है तेरा, मुसाफ़िर Shailendra

वहाँ कौन है तेरा, मुसाफ़िर ! जाएगा कहाँ ?
दम ले ले घड़ी भर, ये छैयाँ पाएगा कहाँ ?
 
बीत गए दिन प्यार के पल-छिन
सपना बनी वो रातें
भूल गए वो, तू भी भुला दे
प्यार की वो मुलाकातें
सब घोर अन्धेरा, मुसाफ़िर ! जाएगा कहाँ ?
 
कोई भी तेरी राह न देखे
नैन बिछाए न कोई
दर्द से तेरे कोई न तड़पा
आँख किसी की न रोई
कहे किसको तू मेरा, मुसाफ़िर ! जाएगा कहाँ ?
 
कहते हैं ज्ञानी, दुनिया है फ़ानी
पानी पे लिखी लिखाई
है सबकी देखी, है सबकी जानी
हाथ किसी के ना आई
कुछ तेरा न मेरा, मुसाफ़िर ! जाएगा कहाँ ?
 

सजनवा बैरी हो गए हमार Shailendra

सजनवा बैरी हो गए हमार !
 
जाए बसे परदेस सजनवा, सौतन के भरमाए
न संदेस, न कौनउं ख़बरिया, रुत आए रुत जाए
डूब गए हम बीच भंवर में, करके सोलह पार
करमवा बैरी हो गए हमार !
 
सूनी सेज, गोद मेरी सूनी, मरम न जाने कोय
छटपट तड़पे प्रीत बेचारी, ममता आँसू रोए
ना कोई इस पार हमारा, ना कोई उस पार
सजनवा बैरी हो गए हमार !
 

सुर न सजे क्या गाऊँ मैं Shailendra

सुर न सजे क्या गाऊँ मैं
सुर के बिना जीवन सूना
 
दोनों जहाँ मुझ से रूठे
तेरे बिना ये गीत भी झूठे
जलता गया जीवन मेरा
इस रात का न होगा सवेरा
 
संगीत मन को पंख लगाए
गीतों से रिमझिम बरसाए
स्वर की साधना परमेश्वर की !
 

हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें Shailendra

हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें
हम दर्द के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है खुशी
आँसू भी छलकते आते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत...
 
पहलू में पराये दर्द बसाके
हँसना हँसाना सीख ज़रा
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे
हम प्यार के दीप जलाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...
 
काँटों में खिले हैं फूल हमारे
रंग भरे अरमानों के
नादान हैं जो इन काँटों से
दामन को बचाये जाते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...
 
जब ग़म का अन्धेरा घिर आये
समझो के सवेरा दूर नहीं
हर रात की है सौगात यही
तारे भी यही दोहराते हैं
हैं सबसे मधुर वो गीत ...
 

पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई Shailendra

पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई
इक पल जैसे इक युग बीता
जुग बीते मोहे नींद न आई
पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई
 
उत जले दीपक, इत मन मेरा
फिर भी न जाए मेरे मन का अंधेरा
तड़पत तरसत उमर गँवाई
पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई
 
न कहीं चंदा, न कहीं तारे
जोत के प्यासे मेरे नैन बिचारे
भोर भी आस की किरण न लाई
पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई
 

प्रीत ये कैसी बोल री दुनिया Shailendra

प्रीत ये कैसी बोल री दुनिया
प्रीत ये कैसी बोल दुनिया
बोल री दुनिया बोल
धूल में मन का कोई न पूछे मोल दुनिया
प्रीत ये कैसी बोल ...
 
देखूँ मैं एक सुंदर सपना
ढूँढूँ तारों में घर अपना
अँधी क़िस्मत तोड़ रही है ये सपने अनमोल दुनिया
प्रीत ये कैसी बोल ...
 
डूब गया दिन शाम हो गई
जैसे उमर तमाम हो गई
मेरी मौत खड़ी है देखो अपना घूँघट खोल रे
प्रीत ये कैसी बोल ...
 
मेरे सुख से बोल ऐ दाता
क्या जाता तेरी दुनिया का
प्यार का अमृत देके तूने ज़हर दिया क्यों घोल दुनिया
प्रीत ये कैसी बोल
 
प्रीत ये कैसी बोल री दुनिया
प्रीत ये कैसी बोल दुनिया
बोल री दुनिया बोल
 

बरसात में हमसे मिले तुम सजन Shailendra

बरसात में हमसे मिले तुम सजन तुमसे मिले हम
बरसात में ...
 
प्रीत ने सिंगार किया, मैं बनी दुल्हन
सपनों की रिमझिम में, नाच उठा मन
मेरा नाच उठा मन
आज मैं तुम्हारी हुई तुम मेरे सनम
तुम मेरे सनम
बरसात में ...
 
नैनों से झांकी जो, मेरी मस्त जवानी
दुनिया से कहती फिरे, दिल की कहानी
मेरे दिल की कहानी
उनकी जो हूँ मैं उनसे कैसी शरम
बरसात में ...
 
ये समाँ है जा रहे हो, कैसे मनाऊँ
मैं तुम्हारी राह में ये, नैन बिछाऊँ
मैं नैन बिछाऊँ
तुम ना जाओ तुमको मेरी जान की क़सम
बरसात में ...
 
देर ना करना कहीं ये, आस छूट जाये
साँस टूट जाये
तुम ना आओ दिल की लगी, मुझको ही जलाये
ख़ाक़ में मिलाये
आग़ की लपटों में पुकारे ये मेरा मन
मिल ना सके हाय मिल ना सके हम
 

बहुत दिया देने वाले ने तुझ को Shailendra

बहुत दिया देने वाले ने तुझ को
आँचल ही न समाए
तो क्या कीजे
बीत गए जैसे ये दिन-रैना
बाक़ी भी कट जाएँ
दुआ कीजे !
 
जो भी दे दे मालिक तू कर ले कुबूल
कभी-कभी काँटों में भी खिलते हैं फूल
वहाँ देर भले है
अंधेर नहीं
घबरा के यूँ गिला
मत कीजे !
 
देंगे दुख कब तक भरम के ये चोर
ढलेगी ये रात प्यारे फिर होगी भोर
कब रोके से रुकेगी
समय की नदिया
घबरा के यूँ गिला
मत कीजे !
 
बहुत दिया देने वाले ने तुझको
आँचल ही न समाय
तो क्या कीजे !
 

बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना Shailendra

बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना
ऐसे मनमौजी को मुश्किल है समझाना - है ना
बेगानी शादी में ...
 
दुल्हन बनूँगी मैं, डोली चढ़ूँगी मैं
दूर कहीं बालम के, दिल में रहूँगी मैं
तुम तो पराए हो, यूँ ही ललचाए हो
जाने किस दुनिया से, जाने क्यूँ आए हो
बेगानी शादी में ...
 
लहराती जाऊँ मैं, बल खाती जाऊँ मैं
खड़ी-खड़ी रस्ते में, पायल बजाऊँ मैं
पलकें बिछाऊँ मैं, दिल में बुलाऊँ मैं
समझे न कुछ भी वो, कैसे समझाऊँ मैं
बेगानी शादी में ...
 
बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना
दिल की इन बातों को मुश्किल है समझाना
 
अपना बेगाना कौन, जाना अनजाना कौन
अपने दिल से पूछो, दिल को पहचाना कौन
पल में लुट जाता है, यूँ ही बह जाता है
शादी किसी की हो, अपना दिल गाता है
बेगानी शादी में ...
 

मिट्टी से खेलते हो बार-बार किस लिए Shailendra

मिट्टी से खेलते हो बार-बार किस लिए
टूटे हुए खिलौनों से प्यार किस लिए
 
बना के ज़िन्दगानियाँ बिगाड़ने से क्या मिला
मेरी उम्मीद का जहाँ उजाड़ने से क्या मिला
आई थी दो दिनों की यह बहार किस लिए
 
ज़रा-सी भूल को हज़ार रूप दे दिए
ज़रा-सी जाँ के सर पे सात आसमान दे दिए
बरबाद ज़िन्दगी का ये सिंगार किस लिए
 
ज़मीन ग़ैर हो गई ये आसमाँ बदल गया
हवा के रुख बदल गए, हर एक फूल जल गया
बजते हैं अब ये साँसों के तार किस लिए
 

मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए Shailendra

मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए
मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो
मुझे मेरे हाल पे छोड़ दो
मेरा दिल अगर कोई दिल न था
उसे मेरे सामने तोड़ दो
मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए ...
 
मैं ये भूल जाऊँगा ज़िन्दगी
कभी मुस्कुराई थी प्यार में
मैं ये भूल जाऊँगा मेरा दिल
कभी खिल उठा था बहार में
जिन्हें इस जहाँ ने भुला दिया
मेरा नाम उन में ही जोड़ दो
मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए ...
 
तुम्हें अपना कहने की चाह में
कभी हो सके न किसी के हम
यही दर्द मेरे जिगर में है
मुझे मार डालेगा बस ये ग़म
मैं वो गुल हूँ जो न खिला कभी
मुझे क्यों न शाख़ से तोड़ दो
मुझे तुम से कुछ भी न चाहिए ...
 

बदलेगी ये दुनिया एक दिन बदलेगी Shailendra

बदलेगी ये दुनिया एक दिन बदलेगी, बदलेगी
आसमान की बिटिया धरती, गिरकर फिर से सँभलेगी
बदलेगी ये दुनिया एक दिन बदलेगी, बदलेगी
बदलेगी ये दुनिया
 
हम बच्चे लाए हैं अपनी क़िस्मत अपनी मुट्ठी में
गुदडी में लाल हज़ारों, हीरे बिखरे मिट्टी में
एक दिन हम बच्चों की डोरी चाँद-सितारे छू लेगी
बदलेगी ये दुनिया एक दिन बदलेगी, बदलेगी
बदलेगी ये दुनिया
 
ऊँचे आसन बैठनेवालो दमभर धरती पर आवो
जीवनरीत सीख लो हमसे या हमको सिखलावो
हर छोटी-सी बात पे तुम आपस में लड़ मरते हो
फैला इतना ज़हर कि तुम गंगाजल से भी डरते हो
बच्चों की मासूम नज़र ये रीत बदलकर दम लेगी
बदलेगी ये दुनिया एक दिन बदलेगी, बदलेगी
बदलेगी ये दुनिया
 
सोच लिया हाइ हम बच्चों, ने नया ज़माना कैसा हो
माता जैसा दिल हो जिसका, प्यार पिता के जैसा हो
दुख में जो लोरी गाए, रोते बच्चों को बहलाए
मेहर-मोहब्बत-मेहनत में जो जीना-मरना सिखलाए
दुनिया दुनिया तब होगी, जब हँसके हर दुख झेलेगी
बदलेगी ये दुनिया एक दिन बदलेगी, बदलेगी
बदलेगी ये दुनिया
 

ओ जानेवाले, हो सके तो लौटके आना Shailendra

ओ जानेवाले, हो सके तो लौटके आना
ये घाट तू ये बाट कहीं भूल न जाना
ओ जानेवाले, हो सके तो लौटके आना
 
बचपन के तेरे मीत, तेरे संग के सहारे
ढूँढ़ेंगे तुझे गली-गली सब ये ग़म के मारे
पूछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना
ओ जानेवाले, हो सके तो लौटके आना
 
दे-दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए
फिर जाए जो उस पार कभी लौट के न आए
है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना
ओ जानेवाले, हो सके तो लौटके आना
 

ओ जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे Shailendra

ओ जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे
जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे,
ओ मेरे रंग गए साँझ-सकारे
तू तो अँखियों से जाने जी की बतियाँ
तोसे मिलना ही जुल्म भया रे
जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे
 
देखी साँवली सूरत, ये नैना जुड़ाए
तेरी छब देखी जब से रे
तेरी छब देखी जब से रे
नैना जुड़ाए, भये बिन कजरा ये कजरारे
जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे …
 
जाके पनघट पे बैठूँ, मैं राधा दीवानी
जाके पनघट पे बैठूँ
बिन जल लिए चली आऊँ, राधा दीवानी
मोहे अजब ये रोग लगा रे
जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे …
 
मीठी-मीठी अगन ये, सह ना सकूँगी
मीठी-मीठी अगन
मैं तो छुईमुई अबला रे
मैं तो छुईमुई अबला रे, सह ना सकूँगी
मेरे और निकट मत आ रे
जोगी जब से तू आया मेरे द्वारे …
 

ओ रे माँझी, ओ रे माँझी Shailendra

ओ रे माँझी, ओ रे माँझी, ओ ओ ओ ओ मेरे माँझी
मेरे साजन हैं उस पार, मैं मन मार, हूँ इस पार
ओ मेरे माँझी अबकी बार, ले चल पार, ले चल पार
मेरे साजन हैं उस पार
 
मन की किताब से तुम मेरा नाम ही मिटा देना
गुण तो न था कोई भी अवगुण मेरे भुला देना
मुझे आज की विदा का, मरके भी रहता इंतज़ार
मेरे साजन हैं उस पार …
 
मत खेल जल जाएगी, कहती है आग मेरे मन की
मैं बंदिनी पिया की, मैं संगिनी हूँ साजन की
मेरा खींचती है आँचल, मनमीत तेरी हर पुकार
मेरे साजन हैं उस पार …
 

मन रे, तू ही बता क्या गाऊँ Shailendra

मन रे, तू ही बता क्या गाऊँ
कह दूँ अपने दिल के दुखड़े
या आँसू पी जाऊँ
 
जिस ने बरबस बांध लिया है
इस पिंजरे में क़ैद किया है
कब तक मैं उस पत्थर दिल का
जी बहलाती जाऊँ
मन रे...
 
नींद में जब ये जग सोता है
मैं रोती हूँ, दिल रोता है
मुख पे झूठी मुस्कानों के
कब तक रंग चढ़ाऊँ
मन रे...
 

तेरे बिन सूने, नैन हमारे Shailendra

तेरे बिन सूने, नैन हमारे
हाय! तेरे बिन सूने
बाट तकत गये साँझ सखारे
हाय! तेरे बिन सूने
 
रात जो आये ढल जाये प्यासी
दिन का है दूजा नाम उदासी
निन्दिया न आये अब मेरे द्वारे
हाय! तेरे बिन सूने ...
 
जग में रहा मैं जगसे पराया
साया भी मेरा मेरे साथ न आया
हँसने के दिन भी रोके गुज़ारे
हाय! तेरे बिन सूने ...
 
ओ अनदेखे, ओ अनजाने
छुप के न गा ये प्रेम तराने
कौन है तू मोहे अब तो बता रे
हाय! तेरे बिन सूने ...
 

आज फिर जीने की तमन्ना है Shailendra

काँटों से खींच के ये आँचल
तोड़ के बंधन बांधे पायल
कोई न रोको दिल की उड़ान को
दिल वो चला ह ह हा हा हा हा
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
 
कल के अंधेरों से निकल के
देखा है आँखें मलके मलके
फूल ही फूल ज़िंदगी बहार है
तय कर लिया आ आ आ आ
आज फिर जीने...
 
मैं हूँ गुबार या तूफ़ां हूँ
कोई बताए मैं कहाँ हूँ
डर है सफ़र में कहीं खो न जाऊँ मैं
रस्ता नया आ आ आ आ
आज फिर जीने...
 

पिया तोसे नैना लागे रे Shailendra

पिया तोसे नैना लागे रे, नैना लागे रे
जाने क्या हो अब आगे रे, नैना लागे रे
पिया तोसे नैना लागे रे, नैना लागे रे
 
हो, जग ने उतारे हो, धरती पे तारे,
पर मन मेरा मुरझाये
हो, उन बिन आई हो, ऐसी दीवाली
मिलनेको जिया तरसाये, आ साजन पायल पुकारे
झनक झन झन झनक झन झन, पिया तोसे
पिया तोसे नैना ...
 
भोर की बेला सुहानी, नदिया के तीरे
भर के गागर जिस घड़ी मैं चलूँ धीरे धीरे
तुम पे नज़र जब आई, जाने क्यों बज उठे कंगना
छनक छन छन छनक छन छन, पिया तोसे
पिया तोसे नैना ...
 
हो, आ, हो, आई होली आई हो, सब रंग लाई
बिन तेरे होली भी न भाए, हो
भर पिचकारी, हो, सखियों ने मारी
भीगी मोरी सारी हय हय,
तन-बदन मेरा कांपे थर-थर
धिनक धिन धिन धिनक धिन धिन, पिया तोसे
पिया तोसे नैना ...
 
रात को जब चाँद चमके जल उठे तन मेरा
मैं कहूँ मत करो चंदा इस गली का फेरा
आना मेरा सैयाँ जब आए
चमकना उस रात को जब
मिलेंगे तन-मन मिलेंगे तन-मन,
पिया तोसे
पिया तोसे नैना ...
पिया
हो हो पिया
 

सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं Shailendra

सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं (२)
हमें डर है हम खो न जाएं कहीं
सुहाना सफ़र ...
 
 
ये कौन हँसता है फूलों में छूप कर
बहार बेचैन है किसकी धुन पर - (२)
कहीं गुमगुम, कहीं रुमझुम, के जैसे नाचे ज़मीं
सुहाना सफ़र ...
 
 
ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर - (२)
प्यारे प्यारे ये नज़ारे निखरे हैं हर कहीं
सुहाना सफ़र ...
 
 
वो आसमाँ झुक रहा है ज़मीं पर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर - (२)
मेरी दुनिया, मेरे सपने, मिलेंगे शायद यहीं
सुहाना सफ़र ...
 

छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में Shailendra

छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए
हम ही हम चमकेंगे तारों के उस गाँव में
आँखों की रौशनी हरदम ये समझाए
चाँदी की कुर्सी पे बैठे मेरी छोटी बहना
सोने के सिंहासन पे बैठे मेरी प्यारी माँ
मेरा क्या मैं पड़ा रहूँगा अम्मीजी के पाँव में
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए
 
मेरी छोटी बहना नाज़ों की पाली शहज़ादी
जितनी-भी जल्दी हो मैं कर दूँगा उसकी शादी
अच्छा है ये बला हमारी जाए दूजे गाँव में
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए
 
कहेगी माँ, दुल्हन ला बेटा घर सूना-सूना है
मन में झूम कहूँगा मैं, माँ इतनी जल्दी क्या है
गली-गली में तेरे राजदुलारे की चर्चा है
आख़िर कोई तो आएगा इन नैनों के दाँव में
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
आ आ आ अई रे, आ आ आ अई रे
छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में
आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए
हम ही हम चमकेंगे तारों के उस गाँव में
आँखों की रौशनी हरदम ये समझाए
 

टूटे हुए ख़्वाबों ने, हमको ये सिखाया है Shailendra

टूटे हुए ख़्वाबों ने, हमको ये सिखाया है
दिल ने, दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गंवाया है
टूटे हुए ख़्वाबों ने
 
हम ढूँढते हैं उनको, जो मिलके नहीं मिलते
रुठे हैं न जाने क्यूँ, मेहमान मेरे दिल के
क्या अपनी तमन्ना थी, क्या सामने आया है
दिल ने, दिल ने ...
टूटे हुए ...
 
लौट आई सदा मेरी, टकरा के सितारों से
उजड़ी हुई दुनिया के, सुनसान किनारों से
पर अब ये तड़पना भी, कुछ काम न आया है
दिल ने, दिल ने ...
टूटे हुए ...
 

ओ बसंती पवन पागल Shailendra

ओ बसंती पवन पागल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती ...
 
बन के पत्थर हम पड़े थे, सूनी सूनी राह में
जी उठे हम जब से तेरी, बांह आई बांह में
बह उठे नैनों के काजल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती ...
 
याद कर तूने कहा था, प्यार से संसार है
हम जो हारे दिल की बाजी, ये तेरी ही हार है
सुन ये क्या कहती है पायल, ना जा रे ना जा, रोको कोई
ओ बसंती ...
 

हम तो जाते अपने गाम Shailendra

मुबारक देने आए थे, मुबारक देके जाते हैं
मिला है बहुत कुछ, सीने में जो हम लेके जाते हैं
 
हम तो जाते अपने गाम, अपनी राम-राम-राम
अपनी राम-राम-राम, सबको राम-राम-राम
हम तो जाते अपने गाम, अपनी राम-राम-राम
सबको राम-राम-राम
 
कभी जो कह ना पाए बात, वो होंठों पे अब आई
अदालत उठ चुकी है, अब करेगा कौन सुनवाई
हम तो जाते अपने गाम …
 
हुई हो भूल कोई तो, उसे दिल से भुला देना
कोई दीवाना था, बातों पे उसकी ध्यान क्या देना
हम तो जाते अपने गाम …
 

किसी ने अपना बनाके मुझको Shailendra

किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
अँधेरे घर में किसीने हँसके चराग़ जैसे जला दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
 
शरम के मारे मैं कुछ ना बोली
नज़र ने पर्दा गिरा दिया
मगर वो सबकुछ समझ गए हैं, कि दिल भी मैंने गँवा दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
 
न प्यार देखा, न प्यार जाना
सुनी थीं लेकिन कहानियाँ
जो ख़्वाब रातों में भी न आया, वो मुझको दिन में दिखा दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
 
वो रंग भरते हैं ज़िंदगी में
बदल रहा है मेरा जहाँ
कोई सितारे लुटा रहा था, किसीने दामन बिछा दिया
किसीने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया
अँधेरे घर में किसीने हँसके चराग़ जैसे जला दिया
 

जाओ रे, जोगी तुम जाओ रे Shailendra

जाओ रे, जोगी तुम जाओ रे
ये है प्रेमियों की नगरी
यहाँ प्रेम ही है पूजा
जाओ रे ...
 
प्रेम की पीड़ा सच्चा सुख है
प्रेम बिना ये जीवन दुख है
जाओ रे ...
 
जीवन से कैसा छुटकारा
है नदिया के साथ किनारा
जाओ रे ...
 
ज्ञान कि तो है सीमा ज्ञानी
गागर में सागर का पानी
जाओ रे ...
 

तुम्हारी भी जय-जय हमारी भी जय-जय Shailendra

तुम्हारी भी जय-जय हमारी भी जय-जय
न तुम हारे न हम हारे
सफ़र साथ जितना था हो ही गया
न तुम हारे ...
 
याद के फूल को हम तो अपने दिल से रहेंगे लगाए
और तुम भी हँस लेना जब ये दीवाना याद आए
मिलेंगे जो फिर से मिला दें सितारे
न तुम हारे ...
 
वक़्त कहाँ रुकता है तो फिर तुम कैसे रुक जाते
आख़िर किसने चाँद को छुआ है हम क्यों हाथ बढ़ाते
जो उस पार हो तुम हम इस किनारे
न तुम हारे ...
 
था तो बहुत कहने को लेकिन अब तो चुप बेहतर है
ये दुनिया है एक सराय जीवन एक सफ़र है
रुका भी है कोई किसी के पुकारे
न तुम हारे ...
 

केतकी, गुलाब, जूही, चम्पक बन फूले Shailendra

केतकी, गुलाब, जूही, चम्पक बन फूले
रितु बसंत, अपनो कंत गोरी गरवा लगाए
झुलना में बैठ आज पी के संग झूले
केतकी, गुलाब, जूही, चम्पक बन फूले
 
गल-गल कुंज-कुंज, गुन-गुन भँवरों की गुंज
राग-रंग अंग-अंग, छेड़त रसिया अनंग
कोयल की पंचम सुन दुनिया दुख भूले
केतकी, गुलाब, जूही, चम्पक बन फूले
 
मधुर-मधुर थोरी-थोरी, मीठी बतियों से गोरी
चित चुराए हँसत जाए, चोरी कर सिर झुकाए
शीश झुके, चंचल लट गालन को छू ले
केतकी, गुलाब, जूही, चम्पक बन फूले
 

ये मेरा दीवानापन है, या मुहब्बत का सुरूर Shailendra

दिल से तुझको बेदिली है, मुझको है दिल का गुरूर
तू ये माने के न माने, लोग मानेंगे ज़ुरूर
 
ये मेरा दीवानापन है, या मुहब्बत का सुरूर
तू न पहचाने तो है ये, तेरी नज़रों का क़ुसूर
ये मेरा दीवानापन है ...
 
दिल को तेरी ही तमन्ना, दिल को है तुझसे ही प्यार
चाहे तू आए न आए, हम करेंगे इंतज़ार
ये मेरा दीवानापन है ...
 
ऐसे वीराने में इक दिन, घुट के मर जाएंगे हम
जितना जी चाहे पुकारो, फिर नहीं आएंगे हम
ये मेरा दीवानापन है ...
 

बोल री कठपुतली डोरी कौन संग बाँधी Shailendra

बोल री कठपुतली डोरी कौन संग बाँधी
सच बतला तू नाचे किसके लिए
बावली कठपुतली डोरी पिया संग बाँधी
मैं नाचूँ अपने पिया के लिए
बोल री कठपुतली ...
 
नए नाम नित नए रूप धर मैं आई मैं चली गई
लेकिन मैने धूम मचा दी जिस नगरी जिस गली गई
छोड़ के जग तारों में जा पहुँची वहाँ भी यही पुकार
बोल री कठपुतली ...
 
मीठी यादें सुन्दर सपने खो बैठे ये लोग जिन्हें
मन का यह मीत बनाकर मेरे दिल ने दिया तुम्हें
कठपुतली का खेल ये दुनिया साँवरिया उस पार
बोल री कठपुतली ...
 

याद न जाए, बीते दिनों की Shailendra

याद न जाए, बीते दिनों की
जाके न आये जो दिन, दिल क्यूँ बुलाए, उन्हें
दिल क्यों बुलाए
याद न जाये ...
 
दिन जो पखेरू होते, पिंजरे में मैं रख देता
पालता उनको जतन से
पालता उनको जतन से, मोती के दाने देता
सीने से रहता लगाए
याद न जाए ...
 
तस्वीर उनकी छुपाके, रख दूँ जहाँ जी चाहे
मन में बसी ये सूरत
मन में बसी ये सूरत, लेकिन मिटे न मिटाए
कहने को है वो पराए
याद न जाए ...
 

दोस्त दोस्त ना रहा Shailendra

दोस्त दोस्त ना रहा
प्यार प्यार ना रहा
ज़िंदगी हमें तेरा
ऐतबार ना रहा, ऐतबार ना रहा
 
अमानतें मैं प्यार की
गया था जिसको सौंप कर
वो मेरे दोस्त तुम ही थे
तुम्हीं तो थे
जो ज़िंदगी की राह मे
बने थे मेरे हमसफ़र
वो मेरे दोस्त तुम ही थे
तुम्हीं तो थे
सारे भेद खुल गए
राज़दार ना रहा
ज़िंदगी हमें तेरा
ऐतबार ना रहा, ऐतबार ना रहा
दोस्त दोस्त ना रहा ...
 
सफ़र के वक़्त में पलक पे
मोतियों को तौलती
वो तुम ना थी तो कौन था
तुम्हीं तो थी
नशे की रात ढल गयी
अब खुमार ना रहा
ज़िंदगी हमें तेरा
ऐतबार ना रहा, ऐतबार ना रहा
दोस्त दोस्त ना रहा ...
 

चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे Shailendra

चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे पिंजड़े वाली मुनिया
 
उड़ उड़ बैठी हलवइया दुकनिया
हे रामा!!!!
उड़ उड़ बैठी हलवइया दुकनिया
आरे!!
बरफ़ी के सब रस ले लियो रे
पिंजड़े वाली मुनिया
 
अ हे अ हे ... हे रामा
 
उड़ उड़ बैठी बजजवा दुकनिया
आहा!!!!
उड़ उड़ बैठी बजजवा दुकनिया
आरे!
कपड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजड़े वाली मुनिया
 
जियो जियो पलकदस जियो!!
 
उड़ उड़ बैठी पनवड़िया दुकनिया
हे रामा!!!!
उड़ उड़ बैठी पनवड़िया दुकनिया
आरे!!
बीड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजड़े वाली मुनिया

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