घर अकेला हो गया - मुनव्वर राना | Ghar Akela Ho Gaya - Munnawar Rana

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घर अकेला हो गया - मुनव्वर राना | Ghar Akela Ho Gaya - Munnawar Rana


लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है - मुनव्वर राना

मुहब्बत करने वालों में ये झगड़ा डाल देती है - मुनव्वर राना

दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ - मुनव्वर राना

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है - मुनव्वर राना

बुलन्दी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है - मुनव्वर राना

ममेरी ख़्वाहिश है कि फिर से मैं फ़रिश्ता हो जाऊँ - मुनव्वर राना

न मैं कंघी बनाता हूँ न मैं चोटी बनाता हूँ - मुनव्वर राना

हमारा तीर कुछ भी हो निशाने तक पहुँचता है - मुनव्वर राना

हर इक आवाज़ अब उर्दू को फ़रियादी बताती है - मुनव्वर राना

बहुत पानी बरसता है तो मिट्टी बैठ जाती है - मुनव्वर राना

भरोसा मत करो साँसों की डोरी टूट जाती है - मुनव्वर राना

हमारी ज़िन्दगी का इस तरह हर साल कटता है - मुनव्वर राना

घरौंदे तोड़ कर साहिल से यूँ पानी पलटता है - मुनव्वर राना

समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया - मुनव्वर राना

अगर दौलत से ही सब क़द का अंदाज़ा लगाते हैं - मुनव्वर राना

वो ज़ालिम मेरी हर ख़्वाहिश ये कहकर टाल जाता है - मुनव्वर राना

सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है - मुनव्वर राना

किसी भी चेहरे को देखो गुलाल होता है - मुनव्वर राना

नींद अपने आप दीवाने तलक तो आ गई - मुनव्वर राना

कोयल बोले या गौरैया अच्छा लगता है - मुनव्वर राना

तितली ने गुल को चूम के दुल्हन बना दिया - मुनव्वर राना

ऐन ख़्वाहिश के मुताबिक़ सब उसी को मिल गया - मुनव्वर राना

यह एहतेराम तो करना ज़रूर पड़ता है - मुनव्वर राना

यह मत समझ कि अर्श-ए-मुअल्ला उसी का है - मुनव्वर राना

कहाँ रोना है मुझको दीदा-ए-पुरनम समझता है - मुनव्वर राना

बिछड़ा कहाँ है भाई हमारा सफ़र में है - मुनव्वर राना

हम सायादार पेड़ ज़माने के काम आये - मुनव्वर राना

जब कभी धूप की शिद्दत ने सताया मुझको - मुनव्वर राना

इश्क़ में राय बुज़ुर्गों से नही ली जाती - मुनव्वर राना

बाज़ारी पेटीकोट की सूरत हूँ इन दिनों - मुनव्वर राना

हमारी बेबसी देखो उन्हें हमदर्द कहते हैं - मुनव्वर राना

मियाँ रुसवाई दौलत के तआवुन से नहीं जाती - मुनव्वर राना

मुझको हर हाल में बख़्शेगा उजाला अपना - मुनव्वर राना

मुख़ालिफ़ सफ़ भी ख़ुश होती है लोहा मान लेती है - मुनव्वर राना

दामन को आँसुओं से शराबोर कर दिया - मुनव्वर राना

तू कभी देख तो रोते हुए आकर मुझको - मुनव्वर राना

रोने में एक ख़तरा है तालाब नदी हो जाते हैं - मुनव्वर राना

मर्ज़ी-ए-मौला मौला जाने - मुनव्वर राना

इस पेड़ में एक बार तो आ जायें समर भी - मुनव्वर राना

हाँ इजाज़त है अगर कोई कहानी और है - मुनव्वर राना

कुछ मेरी वफ़ादारी का इनआम दिया जाए - मुनव्वर राना

गले मिलने को आपस में दुआएँ रोज़ आती हैं - मुनव्वर राना

घरों को तोड़ता है ज़ेहन में नक़्शा बनाता है - मुनव्वर राना

सारा शबाब क़ैस ने सहरा को दे दिया - मुनव्वर राना

न जाने कैसा मौसम हो दुशाला ले लिया जाये - मुनव्वर राना

चिराग़े-ए-दिल बुझाना चाहता था - मुनव्वर राना

नहीं होती अगर बारिश तो पत्थर हो गये होते - मुनव्वर राना

ऐ अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया - मुनव्वर राना

सरफ़िरे लोग हमें दुश्मन-ए-जाँ कहते हैं - मुनव्वर राना

एक-न-एक रोज़ तो होना है ये जब हो जाये - मुनव्वर राना

बस इतनी बात पर उसने हमें बलवाई लिक्खा है - मुनव्वर राना

अजब दुनिया है नाशायर यहाँ पर सर उठाते हैं - मुनव्वर राना

आँखों में कोई ख़्वाब सुनहरा नहीं आता - मुनव्वर राना

साथ अपने रौनक़ें शायद उठा ले जाएँगे - मुनव्वर राना

गौतम की तरह घर से निकल कर नहीं जाते - मुनव्वर राना

जो उसने लिक्खे थे ख़त कापियों में छोड़ आए - मुनव्वर राना

फ़रिश्ते आ उनके जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं - मुनव्वर राना

धँसती हुई क़ब्रों की तरफ़ देख लिया था - मुनव्वर राना

तू हर परिन्दे को छत पर उतार लेता है - मुनव्वर राना

मुफ़लिसी पास-ए-शराफ़त नहीं रहने देती - मुनव्वर राना

दश्त-ओ-सहरा में कभी उजड़े सफ़र में रहना - मुनव्वर राना

हँसते हुए माँ-बाप की गाली नहीं खाते - मुनव्वर राना

जिस्म का बरसों पुराना ये खँडर गिर जाएगा - मुनव्वर राना

मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता - मुनव्वर राना

हम पर अब इस लिए ख़ंजर नहीं फैंका जाता - मुनव्वर राना

कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ़ नहीं देखा - मुनव्वर राना

हालाँकि हमें लौट के जाना भी नहीं है - मुनव्वर राना

नाकामियों के बाद भी हिम्मत वही रही - मुनव्वर राना

बजाए इसके कि संसद दिखाई देने लगे - मुनव्वर राना

बहुत हसीन-सा इक बाग़ घर के नीचे है - मुनव्वर राना

मैं उसको छोड़ न पाया बुरी लतों की तरह - मुनव्वर राना

इसी गली में वो भूखा किसान रहता है - मुनव्वर राना

किताब-ए-जिस्म पर इफ़लास की दीमक का क़ब्ज़ा है - मुनव्वर राना

कोई चेहरा किसी को उम्र भर अच्छा नहीं लगता - मुनव्वर राना

नुमाइश के लिए गुलकारियाँ दोनों तरफ़ से हैं - मुनव्वर राना

वह मुझे जुरअत-ए-इज़हार से पहचानता है - मुनव्वर राना

पैरों को मेरे दीदा-ए-तर बाँधे हुए है - मुनव्वर राना

वो महफ़िल में नहीं खुलता है तनहाई में खुलता है - मुनव्वर राना

हम कुछ ऐसे तेरे दीदार में खो जाते हैं - मुनव्वर राना

मियाँ मैं शेर हूँ शेरों की गुर्राहट नहीं जाती - मुनव्वर राना

जिसे दुश्मन समझता हूँ वही अपना निकलता है - मुनव्वर राना

मोहब्बत करने वाला ज़िन्दगी भर कुछ नहीं कहता - मुनव्वर राना

हम कभी जब दर्द के क़िस्से सुनाने लग गये - मुनव्वर राना

सबके कहने से इरादा नहीं बदला जाता - मुनव्वर राना

मुसलसल गेसुओं की बरहमी अच्छी नहीं होती - मुनव्वर राना

जहाँ तक हो सका हमने तुम्हें पर्दा कराया है - मुनव्वर राना

शरीफ़ इन्सान आख़िर क्यों एलेक्शन हार जाता है - मुनव्वर राना

हर एक शख्स ख़फ़ा-सा दिखाई देता है - मुनव्वर राना

आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिए - मुनव्वर राना

अमीर-ए-शहर को तलवार करने वाला हूँ - मुनव्वर राना

मिट्टी में मिला दे कि जुदा हो नहीं सकता - मुनव्वर राना

मैं अपने हल्क़ से अपनी छूरी गुज़ारता हूँ - मुनव्वर राना

मैं दहशतगर्द था मरने पे बेटा बोल सकता है - मुनव्वर राना

थकी-माँदी हुई बेचारियाँ आराम करती हैं - मुनव्वर राना

ये संसद है यहाँ भगवान का भी बस नहीं चलता - मुनव्वर राना

क़सम देता है बच्चों की बहाने से बुलाता है - मुनव्वर राना

झूठ बोला था तो यूँ मेरा दहन दुखता है - मुनव्वर राना

यूँ आज कुछ चराग़ हवा से उलझ पड़े - मुनव्वर राना

उन घरों में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं - मुनव्वर राना

एक आँगन में दो आँगन हो जाते हैं - मुनव्वर राना

कुछ रोज़ से हम सिर्फ़ यही सोच रहे हैं - मुनव्वर राना

यह देख कर पतंगें भी हैरान हो गईं - मुनव्वर राना

खिलौने की तरफ़ बच्चे को माँ जाने नहीं देती - मुनव्वर राना

अभी तक कुछ नहीं बिगड़ा, अभी बीमार - मुनव्वर राना

ज़रूरत से अना का भारी पत्थर टूट जाता है- मुनव्वर राना

ख़ुदा-ना-ख़्वास्ता दोज़ख़-मकानी हो गये होते - मुनव्वर राना

सियासत से अदब की दोस्ती बेमेल लगती है - मुनव्वर राना

किसी का क़द बढ़ा देना किसी के क़द को कम कहना - मुनव्वर राना

जिस्म पर मिट्टी मलेंगे पाक हो जाएँगे हम - मुनव्वर राना

हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है - मुनव्वर राना

ज़िन्दगी से हर ख़ुशी अब ग़ैर-हाज़िर हो गई - मुनव्वर राना

ये दीवाना ज़माने भर की दौलत छोड़ सकता है - मुनव्वर राना

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