ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नहीं - वसीम बरेलवी Khwab dekhun, khwab si tabeer - Waseem Barelvi

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ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नहीं - वसीम बरेलवी
Khwab dekhun, khwab si tabeer ho sakti nahi - Waseem Barelvi

ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही
जो बदल जाये, मेरी तक़्दीर हो सकती नही

मेरी जािनब हों निगाहे, दिल मे कोई और हो
इतनी लापरवा तेरी तस्वीर हो सकती नही
Wasim-Barelvi

रौंदते जाते हो रिश्ते , तोडते जाते हो दिल
इस तरह तो कोई भी तामीर हो सकती नही

कुछ भी सुनने के लिए राज़ी नही है सािमईन
आज जलसे मे कोई तक़रीर हो सकती नही

मै मुख़ाितब हूं, तो मेरा नाम भी होगा कही
इस क़दर बेरबत यह तह्रीर हो सकती नह

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