शायद जिंदगी तेरी यही कहानी है - अभिषेक मिश्र | shaayad jindagee teree yahee kahaanee hai - Abhishek Mishra

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"शायद जिंदगी तेरी यही कहानी है"

हर बार तो सोचा हुआ होता नहीं है,
ऐसा भी नहीं कि दिल रोता नहीं है,
किस्मत ही जैसे पलट सी गयी,
अब तो ज़िन्दगी कुछ बदल सी गयी।।
             समझाया है सब को बहुत मगर,
             अब खुद को ही समझा रहा हूँ,
             दर्द सहते और दर्द लिखते हुए,
             जीवन कुछ ऐसे बिता रहा  हूँ।।
बहुत गलतियों को छिपाया है मैंने,
उन्हीं पर फिर पछताया है मैंने,
आँसू बिना ही रोता हूँ मैं,
कैसे कहूँ कैसे सोता हूँ मैं।।
             यूँ तो बहुत जिम्मेदारियां भी हैं,
             माँ बाप की कुछ उधारियाँ भी हैं,
             वैसे तो मन में है भविष्य का भारीपन,
             मगर अंदर से है अजीब सा खालीपन।।

चेहरे पर हमेशा मुस्कान लिए,
गैरों को भी अपना मान लिये,
कभी तकलीफ है तो कभी परेशानी है,
शायद जिंदगी तेरी यही कहानी है।।।
                        
अभिषेक मिश्र -

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